- एक यंग इंसान को रोजाना एक ग्राम कैल्शियम की जरूरत

- कैल्शियम की कमी से बच्चों में हो सकता है सूखा रोग

LUCKNOW: कैल्शियम की कमी के चलते बच्चों से लेकर बड़ों में टेढ़ा हाथ-पैर होना, कमर का झुक जाना जैसी समस्या होती है। एक यंग इंसान को रोजाना एक ग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। ऐसे में दवा के साथ धूप में बैठना भी बेहद जरूरी है। यह जानकारी ऑर्थोकॉन 2020 के आखिरी दिन रविवार को ऑर्थो एक्सप‌र्ट्स ने दी।

1. बच्चों में हो रही हड्डियों की समस्या

कैल्शियम की कमी से बच्चों की हड्डियां विकसित नहीं हो पाती है। मांसपेशियों में खिंचाव रहता है। किसी बच्चे का पांव छोटा-बड़ा हो जाता है। कई हिस्सों में हड्डी ही नहीं होती हैं। इस प्रकार की अंदरूनी कमियों के चलते बच्चों को सेरेब्रल पाल्सी जैसी बीमारी हो जाती है, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने पर 80 फीसद पीडि़त बच्चे सामान्य बच्चों जैसे हो जाते हैं। ऐसे में नियमित बच्चे को कसरत या दर्द निवारक तेल से मालिश करें।

- डॉ। जॉन

2. एक ग्राम कैल्शियम की डेली जरूरत

यंग इंसान को डेली एक ग्राम कैल्शियम और 400-800 आईयू विटामिन-डी की जरूरत होती है। हड्डी के कैल्सीफिकेशन के लिए विटामिन-डी की आवश्यकता होती है, जो आंत से कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। 30 के बाद कैल्शियम तथा विटामिन-डी की कमी से खासकर महिलाओं में ओस्टियोमलेशिया रोग हो जाता है जबकि बच्चों में इसके अभाव के कारण रिकेट्स यानि सूखा रोग हो जाता है।

- डॉ। रमेश सेन

3. कूल्हे कस अर्थराइटिस हो सकता है

आमतौर पर बुढ़ापा आने पर जोड़ों के दर्द शुरू हो जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जो जोड़ो में तीखे दर्द के कारण रोगी को एक तरह से अपाहिज ही बना देती है। यदि इस रोग का इलाज अच्छे से नहीं किया गया तो यह कूल्हे के अर्थराइटिस में परिवर्तित हो जाता है। रोगी का चलना-फिरना काफी कठिन हो जाता है। इस रोग का अंतिम इलाज जोड़ो के बदलाव के लिए की जाने वाल सर्जरी ही माना जाता है। इससे कुल्हे को लाइलाज स्थिति तक पहुंचने से बचाने में सफलता मिलती है।

- डॉ। एस राजशेखरन

4. गलत लाइफ स्टाइल खराब कर रही हड्डियां

सुबह उठने पर झुकने में दिक्कत, दर्द होना या चलने में मुश्किल होना जैसे लक्षण कूल्हे की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। आजकल बदली लाइफस्टाइल, शराब और स्टेरॉयड के सेवन से हड्डियां कमजोर हो रही हैं, जिसकी वजह से हिप रिप्लेसमेंट की जरूरत 25-50 साल के लोगों में करने की जरूरत आ गई है जबकि बुजुर्गो में घुटनों की समस्या ज्यादा होती है। हजार में 7 लोग कूल्हे की हड्डी की समस्या से पीडि़त हैं। ऐसे में लाइफ स्टाइल में सुधार की बेहद जरूरत है। इसके साथ एक्सरसाइज और कुछ दवाएं भी काफी फायदेमंद हैं। आजकल बेहतर इंप्लांट आ गये हैं, जो इस समस्या का हल करने में काफी मददगार है।

- डॉ। संदीप कपूर