- फर्जी सिम व बैंक खातों से करते थे लेनदेन

- गिरोह में विदेशी भी शामिल, टेरर फंडिंग की भी आशंका

- अवैध ढंग से बेचे 1500 सिम कार्ड, करीब पचास लाख का ट्रांजक्शन

रुष्टयहृह्रङ्ख : आपराधिक गतिविधियों के लिए शातिर गिरोह फर्जी आइडी से सिम कार्ड हासिल कर ऑनलाइन खाते खोलकर लेनदेन कर रहा था। यूपी एटीएस ने वितरकों-रिटेलरों से प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड लेकर दिल्ली में बेचने वाले प्रेम सिंह समेत 14 शातिरों को दबोच लिया है। आशंका है कि इन ऑनलाइन खातों का इस्तेमाल टेरर फं¨डग सहित अन्य अपराधों में हो रहा था, क्योंकि गिरोह में विदेशी नागरिक भी शामिल है। जांच एजेंसियां पूछताछ और जांच में जुटी हैं।

दिल्ली समेत कई शहरों में छापेमारी

साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड के इस मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (यूपी एटीएस) ने शनिवार को मुरादाबाद, अमरोहा व संभल सहित दिल्ली में छापेमारी की थी। रविवार को पुलिस मुख्यालय में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को इस मामले में अहम सफलता मिली है। 14 शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग गिरोह बनाकर फर्जी आईडी से सिम कार्ड हासिल करते थे। उस प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड से विभिन्न बैंकों में ऑनलाइन खाते खोलते थे। फिर आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि को उन खातों में डालकर कुछ ही समय में कार्डलेस ट्रांजेक्शन कर लेते थे। एडीजी ने बताया कि इसमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिन्हें लुकआउट नोटिस जारी किया जा रहा है।

जांच में जुटी एजेंसियां

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में गलत तरीके से सिम बेचने वाले वितरक-रिटेलर और आपराधिक प्रवृत्ति के अन्य लोग शामिल हैं। इनमें मुरादाबाद निवासी प्रेम सिंह प्री-एक्टिवेटेड सिम दिल्ली में बेचता था। अभी तक की पूछताछ में सामने आया है कि दिल्ली में इस तरह करीब 1500 सिम बेचे गए। एडीजी ने बताया कि अभी पहले ट्रांजेक्शन के आधार पर मुकदमे में करीब दो लाख रुपये का लेनदेन दर्ज किया गया है। करीब पचास लाख रुपये के ट्रांजेक्शन की बात सामने आ रही है। यह जांच में स्पष्ट होगा कि कुल लेनदेन कितने का हुआ और यह पैसा कहां से और किस मकसद से लिया-दिया जा रहा था। यह भी सामने आएगा कि गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला है। पता लगाया जा रहा है कि इसमें कहीं बैंक कर्मियों की संलिप्तता तो नहीं है।

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ये आए गिरफ्त में

संभल निवासी मोहम्मद फहीम, सैमुल हसन, हरिओम अरोड़ा, चंद्रकिशोर, तरुण सूर्या, पीयूष वाष्र्णेय, मुरादाबाद निवासी प्रेम सिंह, अमरोहा निवासी अंशुल कुमार सक्सेना और चंदौसी निवासी प्रशांत गुप्ता हैं। इन नौ के अलावा पांच अभियुक्तों को रविवार को एटीएस की नोएडा शाखा ने दिल्ली से गिरफ्तार किया, जिन्हें लखनऊ लाया जा रहा है। इन सभी को सोमवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा।

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ऐसे तो फंस जाएगा कोई आम नागरिक

गनीमत है कि इस घटना में एटीएस ने शातिरों को पकड़ लिया, अन्यथा यह आशंका तो खड़ी हो ही गई कि बिना गलती के इस तरह आम नागरिक भी फंस सकते हैं। एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि यह अभियुक्त किसी भी ग्राहक की आईडी का गलत इस्तेमाल कर उसके नाम से दूसरा सिम ले लेते थे। फिर उसी से ऑनलाइन खाते खोलते थे। ग्राहक को इसकी भनक तक नहीं लगती। पुलिस के मुताबिक, एक व्यक्ति की आईडी पर एक दिन में दो सिम निकाले जा सकते हैं।