- मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने की अपील

LUCKNOW : मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मुसलमानों से अपील की कि वो अलविदा और ईद के दौरान भी लॉकडाउन के नियमों की पाबंदी करें। अलविदा और ईद उल फित्र की इबादतों और खुशियों को उसी तरह अदा करें जैसे शब-ए-बरात के अवसर पर और रमजान में तरावीह और जुमे की नमाजें शरअई अहकाम की रौशनी में अदा की।

बाक्स

22 मई आखिरी जुमा पर

- जो 5 लोग मस्जिदों में रहते हैं, वहीं अलविदा, जुमा की नमाज अदा करें।

- जिस घर में 4 हजरात हों वह अपने घर में ही अलविदा की नमाज पढ़ें।

- जहां 4 से कम हजरात हों वह पहले की तरह जुहर की नमाज अदा करें।

ईद उल फित्र के लिए

- ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल और सुर्मा लगाना और खुजूर खाना सुन्नत है। इन चीजों का एहतिमाम करें।

- नमाज से पहले गरीबों को सद्का जरूर हैं। इस साल एक आदमी का कम से कम पचास रुपये मुकर्रर किया गया है।

- जो 5 हजरात मस्जिद में रहते हैं वह मस्जिद ही में ईद की नमाज अदा करें।

- जिस घर में 4 हजरात या इससे अधिक लोग हों वह ईद की जमाअत अपने घर पर पढ़े।

- अगर किसी घर में 4 हजरात से कम हों तो वह लोग 4 रकआत नफल नमाज-ए-चाश्त अकेले अकेले पढ़ें।

- ईद की नमाज वाजिब है इसको 6 जायद तकबीरों के साथ अदा करें।

- ईद की नमाज के बाद खुतबा पढ़ना सुन्नत है, अगर किसी को खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो वह पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास पढ़े और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ कोई दुआ अरबी में पढ़े।

- ईद उल फित्र के दिन भी लॉकडाउन की पाबंदी करें।

- अपने घरों में रहे और किसी से मिलने न जाएं।

- ईद के दिन न किसी से हाथ मिलायें और न गले मिलें।

- अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ईद की मुबारकबाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दें।

- नमाज के बाद कोरोना के खात्मे व दुनिया में अमन-अमान की दुआ करें।