- श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी पर्व

LUCKNOW:

बसंत पंचमी का पर्व राजधानी में बड़ी श्रद्धा व धूमधाम के साथ मंगलवार को मनाया गया। मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित कर उनका विधिवत पूजन किया गया और अधिकतर लोग पीले वस्त्र पहने नजर आए। वहीं जगह-जगह तहरी का प्रसाद वितरित किया गया। मेडिकल कॉलेज व मंदिरों से लेकर बंगाली समाज द्वारा पर्व बेहद ही उल्लास के साथ मनाया गया।

केजीएमयू में मनाई गई बसंत पंचमी

केजीएमयू के शताब्दी लान में मां शारदालय में 109 वां मां सरस्वती पूजन किया गया। इस दौरान वीसी ले.ज। डॉ। बिपिन पुरी ने दर्शन एवं पूजन कर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में सरस्वती पूजा के बाद यज्ञ एवं प्रसाद वितरण किया गया। पूरे प्रांगण को एमबीबीएस मेडिकोज द्वारा रंग बिरंगी रंगोली से सजाया गया। कार्यक्रम का संयोजन जॉर्जियन एल्युमिनाई एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ। नर सिंह वर्मा ने किया इस दौरान फोटो और सेल्फी का भी जबरदस्त दौर चला।

मां की हुई उपासना

मनकामेश्वर मठ-मंदिर द्वारा बसंतोत्सव के अवसर पर वेद मंत्रों और शंखनाद के साथ होलिका दहन का खंभ स्थापित किया गया। महंत देव्यागिरी की अगुआई में पौध रोपण, भजन व कीर्तन और वीणा पूजन आदि अनुष्ठान भी हुए। महंत देव्यागिरी ने बताया कि उपवन में आदि गंगा मां गोमती के जल से स्थान को पवित्र कर आकर्षक रंगोली बनायी। उसमें फूलों व रंगों आदि का प्रयोग किया गया। गोबर के कंड़ों से विशाल होलिका तैयार की गई है। वहीं मां शारदे के वाद्य यंत्र वीणा को स्थापित कर बसंतोत्सव मनाया गया। इसमें महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर शामिल हुई। देवताओं और गुरुजनों को अबीर व गुलाल अर्पित करने के बाद फागुनोत्सव की औपचारिक घोषणा भी की गई।

भंडारा का आयोजन

बनर्जी ब्रदर्स पूजा कमेटी द्वारा नरही में विधिवत सरस्वती पूजन के बाद भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बंगाली सामाज समेत आसपास के लोग शामिल हुए। भंडारा में चचड़ी, तहरी, पायस आदि वितरित किया गया। वहीं कैंट पूजा सेवा समिति के पूजा पंडाल में सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन भी हुआ। जहां छोटे बच्चों का हाथे कोडी यानि पहली बार लिखना भी किया गया। फल एवं भोग का प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान सेना के अधिकारियों समेत कैंट क्षेत्र के नागरिक मौजूद रहे।