- राज्य में नई शिक्षा नीति को अमली जामा पहनाने के प्रयासों की सराहना

LUCKNOW : युवा शक्ति को देश की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने नौजवान विद्यार्थियों का आह्वान किया है कि वे उद्यमशीलता और इनोवेशन को अपना कर स्वरोजगार की दिशा में बढ़ें। नौकरी तलाशने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें और अपने साथ देश को भी आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें।

देश में 100 से ज्यादा यूनिकार्न स्टार्ट अप

गुरुवार को राजधानी के बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह को वह बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब की आर्थिक सोच उद्यम को प्रोत्साहन देने की थी। आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकार्न स्टार्ट अप हैं। इनमें से प्रत्येक का मूल्यांकन एक बिलियन डालर है। उनका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 18 लाख करोड़ रुपये है। यूनिकार्न स्टार्ट अप की संख्या के आधार पर आज भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। इनमें से ज्यादातर स्टार्ट अप युवाओं ने स्थापित किए हैं। दीक्षांत समारोह में प्रथम महिला सविता कोविन्द भी मौजूद थीं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा.प्रकाश सी। बरतूनिया ने समारोह की अध्यक्षता की। कुलपति प्रो.संजय सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

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नई शिक्षा नीति पर अमल के लिए उप्र की तारीफ

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 वर्तमान सदी की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप आज की युवा पीढ़ी को सक्षम बनाने में सहायक होगी। अपने सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरणा लेकर आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलाजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का राष्ट्रीय लक्ष्य तभी पूरा होगा जब सभी विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर पूरी निष्ठा के साथ प्रयास करेंगे। नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने के प्रयासों के लिए उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री व अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशंसा की।

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2047 में भारत हो विकसित देश

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2047 में जब देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तो आप जैसे युवा उसका नेतृत्व कर रहे होंगे। 2047 का भारत सभी प्रकार के भेदभावों से रहित एक विकसित देश होगा। तब तक हम न्याय, समता और बंधुत्व के सांविधानिक आदर्शों को अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में ढाल चुके होंगे।

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अम्बेडकर विवि और स्मारक में हो तालमेल

बाबासाहेब और उनके ¨चतन व कृतित्व पर केंद्रित अपने दीक्षांत उद्बोधन में राष्ट्रपति ने ज्ञान के साथ शील को जरूरी बताया। कहा कि अम्बेडकर विश्वविद्यालय समतामूलक समाज की स्थापना के बाबासाहेब के स्वप्न को साकार कर रहा है। इस केंद्र का तालमेल अम्बेडकर विश्वविद्यालय से किया जाना चाहिए ताकि बाबासाहेब के विचारों को प्रसारित करने के संयुक्त प्रयास किये जा सकें।

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सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास का किया शिलान्यास

इस मौके पर राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि सावित्री बाई ने 175 वर्ष पहले बेटियों की शिक्षा के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए।

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बेटियों ने बढ़ाया देश का गौरव

राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारी बेटियां समाज और देश का गौरव पूरे विश्व में बढ़ा रही हैं। टोक्यो ओलंपिक में झंडे गाड़ने के साथ उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। सामान्य अवसर मिलने पर वे बेटों से आगे रही हैं। दीक्षांत समारोह के अवसर पर स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की अधिक संख्या इसकी गवाही दे रही है। बाबासाहेब का नारी सशक्तीकरण का सपना आज सच होता दिख रहा है।

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इनसेट

- दीक्षांत समारोह में 1424 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक, एमफिल, पीएचडी और डिप्लोमा की उपाधियां प्रदान की गई।

- स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 136 विद्यार्थियों में से छह को राष्ट्रपति ने स्वयं गोल्ड मेडल प्रदान किए।

इनको मिले मेडल

सांख्यिकी विभाग की एमफिल सामान्य वर्ग की छात्रा सान्या बघेल व आरक्षित वर्ग की निहारिका कुमारी परास्नातक सामान्य वर्ग में एमएससी जियोलाजी के छात्र शुभम मिश्रा आरक्षित वर्ग में एमएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की छात्रा पूजा मीणा, स्नातक सामान्य वर्ग में बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलाजी के छात्र भानु प्रताप सिंह व आरक्षित वर्ग में बीटेक कंप्यूटर इंजीनिय¨रग की छात्रा प्रियंका गौतम शामिल हैं। आरडी सोनकर समता समाज पुरस्कार छात्रा अंजू रावत को दिया गया।