- 1200 मरीज विभिन्न अस्पताल में हैं भर्ती
- 859 बेड शहर में खाली
- 31 कोविड अस्पताल पहले शहर में थे
- केजीएमयू, पीजीआई नहीं चल रहे पूरी क्षमता के साथ
- लगातार बढ़ाई जा रही कोविड अस्पतालों की संख्या
- 21 अस्पतालों में है 2059 बेडों की व्यवस्था
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रुष्टयहृह्रङ्ख: राजधानी में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बीते कई दिनों से संक्रमितों का आंकड़ा हजार के पार चल रहा है। आलम यह है कि मरीजों की संख्या जिस तेजी से बड़ी है, उतनी तेजी से अस्पतालों में इंतजाम नहीं हो पाए हैं। बीते साल जहां सर्वाधिक 31 कोविड अस्पताल थे। वहीं अब तक 21 अस्पताल ही कोविड हो पाए हैं। ऐसे में आईसीयू को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बेड का पूरा इंतजाम है। करीब आधे बेड खाली हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। वेंटिलेटर समेत अन्य बेड बढ़ाये जा रहे हैं।
तीन लेवल के अस्पताल
मरीज की अवस्था और जरूरतों के मुताबिक तीन प्रोटेक्शन लेवल के आधार पर अस्पतालों में इलाज हो रहा है।
एल-1 अस्पताल
ऐसे मरीज, जिसमें लक्षण हैं पर उसे अलग से ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती है।
एल-2 अस्पताल
ऐसे मरीज, जिसमें मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसमें बाईपेप का प्रयोग किया जाता है।
एल-3 अस्पताल
ऐसे मरीज जिनकी स्थिति गंभीर होती है, उनको भर्ती कर इलाज दिया जाता है। एल-3 में मरीज आईसीयू में रखा जाता है और इंट्यूबेशन किया जाता है। इस प्रोटेक्शन लेवल के लिए वेंटीलेटर की जरूरत पड़ सकती है।
आईसीयू चल रहे फुल
राजधानी में एल-1, 2 और 3 लेवल के इलाज की अनुमति कुछ प्राइवेट अस्पतालों को भी दी गई है। इसमें एल-1 के 4, एल-2 के 8 और एल-3 के 9 अस्पताल समेत कुल 21 अस्पताल एक्टिव हैं।
यह चल रहा एल-3 का इलाज
केजीएमयू
लोहिया
पीजीआई
एरा
मेदांता
सहारा
यह आ रही समस्या
गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से एल-3 अस्पतालों में बड़ी मुसीबत बन गई है क्योंकि एल-2 के मरीज की रिकवरी न होने पर उन्हे एल-3 रेफर कर दिया जाता है। सरकारी व्यवस्था की एक सीमा है, जो लगातार फुल चल रही है। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को आईसीयू बेडों की संख्या बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
21 अस्पतालों में 2059 बेड पर भर्ती
राजधानी में सरकारी व निजी छोटे-बड़े अस्पतालों को मिलाकर कुल 21 कोविड अस्पताल चल रहे हैं, जिसमें कुल 2059 बेडों की संख्या है। इसमें 1132 आइसोलेशन बेड, 474 एचडीयू बेड और 453 आईसीयू बेड शामिल हैं। जहां अधिकतर मेडिकल कॉलेजों समेत बड़े अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड पूरी तरह से फुल चल रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया जैसे बड़े संस्थान अभी पूरी क्षमता के साथ नहीं चल रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या नॉन-कोविड मरीजों की देखभाल में लगा स्टाफ है। यह सबसे बड़ी समस्या है।
कई अस्पतालों ने मांगी अनुमति
कई निजी अस्पतालों द्वारा खुद के यहां कोविड सुविधा शुरू करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग से अनुमति मांगी है। इसपर सीएमओ डॉ। संजय भटनागर का कहना है कि लगातार अस्पतालों को कोविड अस्पताल शुरू करने की मंजूरी दी जा रही है, लेकिन इससे पहले निरीक्षण भी किया जाता है। अभी 3-4 निजी अस्पतालों के आवेदन आये हुए हैं। जल्द ही इनको भी शासन की गाइडलाइन के अनुसार कोविड इलाज शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
बेडों की नहीं कोई कमी
सीएमओ डॉ। संजय भटनागर ने बताया कि इस समय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में 1200 कोविड मरीज भर्ती हैं। ऐसे में अभी करीब 50 फीसद तक बेड खाली हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार 40 फीसद की बेड खाली हैं। इसके अलावा अस्पताल खासतौर पर केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया आदि को अपनी पूरी क्षमता पर चलाने के लिए कहा गया है। इसको लेकर लगातार तैयारी की जा रही है। लोगों को घबराने से बचना चाहिए। अस्पतालों में लगातार बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
बाहर के मरीज भी काफी
सीएमओ बताते हैं कि राजधानी में आसपास के जिलों के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी मरीज दिखाने के लिए आते हैं। इसमें बड़ी संख्या में मरीज पॉजिटिव आने पर उनको यहीं भर्ती किया जाता है। इसकी वजह से आईसीयू की डिमांड सबसे ज्यादा है। जबतक पहले के बेड खाली नहीं होंगे तबतक नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते हैं।
नॉन-कोविड मरीज भी आ रहे हैं
पीजीआई के कोविड अस्पताल के नोडल इंचार्ज डॉ। आलोक नाथ बताते हैं कि जब पीक कम हो गया था, तब धीरे-धीरे एक्टिवेटेड बेड्स की संख्या कम कर दी गई थी। आरसीएच में कुल 250 बेड की क्षमता है क्योंकि हमारे यहां नॉन-कोविड भी चल रहा है। मेडिकल स्टाफ वहां भी लगा हुआ है। ऐसे में धीरे-धीरे कुछ नॉन-कोविड विभाग को बंद करने के बाद ही वहां के स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा सकती है इसलिए धीरे-धीरे बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वहीं केजीएमयू के कोविड सेंटर यानि आरएलसी की क्षमता 500 बेडों से अधिक है, लेकिन अभी आधे ही चल रहे हैं। आरएलसी नोडल इंचार्ज डॉ। जेडी रावत ने बताया कि अभी केजीएमयू में कोविड और नॉन कोविड दोनों सुविधा चल रही हैं। ऐसे में धीरे-धीरे कोविड सेंटर में बेड शुरू कर रहे हैं। शासन द्वारा इलेक्टिव ऑपरेशन नहीं करने की गाइडलाइन आ चुकी है। केवल इमरजेंसी सर्विसेज देंगे। इसके बाद धीरे-धीरे उधर काम बंद करने के साथ कोविड में संख्या बढ़ाएंगे क्योंकि नॉन-कोविड में भर्ती मरीजों को भी देखना है। जल्द ही पूरी क्षमता के साथ अस्पताल को चलाया जायेगा। वहीं लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा कोविड अस्पताल पूरी क्षमता के साथ चलाया जायेगा। सभी 200 बेडों पर बुधवार से भर्ती शुरू हो जाएगी, जिसमें 150 बेड आईसीयू व एचडीयू के हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को कुछ राहत मिलेगी।
बॉक्स
एक नजर में अस्पतालों की संख्या
अस्पताल कुल बेड आईसीयू बेड
पीजीआई 174 84
केजीएमयू 263 223
लोहिया 110 20
एरा 172 18
लोकबंधु 100 14
इंटीग्रल 210 0
टीएसएम 140 10
प्रसाद 200 0
नार्दन रेलवे 50 0
आरएसएम 60 0
हिंद 115 5
विद्या 95 10
मेयो 64 10
अर्थव 50 6
निशांत 20 2
आल्टिस 35 0
विवेकानंद 71 15
मेदांता 20 4
हैरिटेज 35 5
ओपी चौधरी 30 3
चंदन 20 20
सहारा 25 4
नोट- सभी आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हैं
कोट
राजधानी में बेड की कोई कमी नहीं है। करीब 50 फीसद तक जगह खाली है। लगातार अस्पतालों के साथ बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।
- डॉ। संजय भटनागर, सीएमओ