- ईओडब्ल्यू की सिफारिश पर एसटीएफ ने पकड़ा

रुष्टयहृह्रङ्ख : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बहुचर्चित करीब 4200 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में फरार चल रहे आरोपित बद्री नारायण (बीएन) तिवारी को लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) लाइव टुडे मीडिया न्यूज चैनल के संचालक बीएन तिवारी की तलाश गौतमबुद्ध नगर में दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमों में कर रही थी। घर की कुर्की कराने के बाद भी आरोपित बीएन तिवारी जांच एजेंसी के हाथ नहीं लग पा रहा था। इस घोटाले में यह 24वें आरोपित की गिरफ्तारी है। बाइक बोट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लां¨ड्रग के तहत केस दर्ज कर जांच कर रहा है।

एसटीएफ से मांगा था सहयोग

ईओडब्ल्यू ने एक फरवरी को लखनऊ में गोमतीनगर के विवेक खंड स्थित बीएन तिवारी की कुर्की कराई थी। इससे पूर्व डीजी ईओडब्ल्यू डा। आरपी सिंह ने तीन सितंबर 2020 को एसटीएफ को पत्र लिखकर बीएन तिवारी की गिरफ्तारी में सहयोग मांगा था। एसटीएफ के डिप्टी एसपी अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम आरोपित की तलाश कर रही थी। एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार पूछताछ में बीएन तिवारी ने बताया कि उसकी मुलाकात बाइक बोट घोटाले के आरोपित व नोएडा स्थित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआइपीएल) के संचालक विजेंद्र सिंह हुड्डा से हुई थी। बीएन तिवारी की कंपनी बैट्री संचालित बाइक बनाती थी, जिसे वह गर्वित कंपनी को सप्लाई करता था। जीआइपीएल निवेशकों को जोड़कर बाइक के नाम पर निवेश कराती थी। निवेशक से प्रति बाइक के लिए 62100 रुपये निवेश कराए जाते थे और उसे एक वर्ष तक प्रतिमाह 9800 रुपये देने का प्रलोभन दिया गया था। तीन बाइक में निवेश करने पर अतिरिक्त बोनस का झांसा भी दिया गया था। इस प्रकार सैकड़ों निवेशकों से 4200 करोड़ रुपये निवेश कराया गया था। निवेशकों के करोड़ रुपये जमा कराने के बाद संचालकों ने वर्ष 2019 में कंपनी बंद कर दी थी और अंडरग्राउंड हो गए थे।