- इम्युनिटी मजबूत कर बचा जा सकता है इस बीमारी से

LUCKNOW: कोरोना के साथ ही लोगों में अब म्यूकरमायकोसिस को लेकर भी डर का माहौल है। लोग इस बीमारी को ब्लैक फंगस कह रहे हैं। हालांकि माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि म्यूकरमायकोसिस और ब्लैक फंगस अलग-अलग वायरस हैं। म्यूकरमायकोसिस संक्रामक नहीं है, इसलिए इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। इसका इलाज है। इससे बचने के लिए ज्यादा समय अस्पताल में नहीं रुकना चाहिए और ब्लड ग्लूकोज लेवल को चेक करते रहना चाहिए। राजधानी में जितने भी केस आए हैं सभी म्यूकरमायकोसिस के हैं।

ब्लैक फंगस दूसरा इंफेक्शन

केजीएमयू की माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि ब्लैक फंगस को म्यूकरमायकोसिस नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वो इसका साइंटिफिक नाम ही नहीं है। ब्लैक फंगस का स्ट्रक्चर अलग है और इसका इलाज भी दूसरी तरह से किया जाता है। वहीं म्यूकरमायकोसिस का ट्रीटमेंट भी दूसरी तरह से होता है।

इम्युनिटी कमजोर तो खतरा ज्यादा

डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि फंगस के स्पोर होते हैं। किसी इंसान को इससे तब तक दिक्कत नहीं होती है, जब तक उसकी इम्युनिटी मजबूत होती है। खासकर कैंसर के मरीज, स्टेरायड लेने वालों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। जिससे उनके शरीर में फंगस ग्रो कर जाता है और यह समस्या आती है। इसका इलाज है। ऐसे मरीजों की ब्लड शुगर की मॉनीटरिंग काफी जरूरी है। उसे के अनुसार उन्हें दवाएं दी जाती हैं।

स्टेरायड देने की जरूरत नहीं

डॉ। शीतल ने बताया कि जिनका ऑक्सीजन लेवल 92 से अधिक है, उन्हें स्टेरायड देने की जरूरत नहीं है। वहीं ऑक्सीजन लेवल 92 से नीचे है और स्टेरायड दी जा रही है तो उसकी लगातार मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। ऐसे लोगों का बल्ड ग्लूकोज लेवल देखते रहना चाहिए और तापमान बढ़ता है तो एंटी-डायबिटिक ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए। इससे म्यूकर इंफेक्शन कम किया जा सकता है। म्यूकर एक तरह का फंगस है और उसे अगर चीनी मिल रही है तो वह उसको बढ़ाने का काम करती है।

हाई सोसाइटी में खतरा ज्यादा

डॉक्टर्स का कहना है कि म्यूकरमायकोसिस उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो लंबे समय तक अस्पताल में रहते हैं। इन दिनों बिना वजह अस्पताल नहीं जाना चाहिए। हाई सोसाइटी में इसके ज्यादा मामले आते हैं, क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।

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म्यूकरमायकोसिस के लक्षण

- सिर में दर्द का बना रहना

- आंखों में लाली आना

- आंखों से पानी आना

- गालों और पूरे चेहरे पर सूजन आना

- आंखों के नीचे दर्द और बुखार

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बचाव की तरीके

- अपनी इम्युनिटी को मजबूत रखें

- अधिक तला-भुना खाना न खाएं

- मौसमी फलों का सेवन करें

- धूल भरी जगहों पर न जाएं

- आंख में जरा भी तकलीफ होने पर डॉक्टर को दिखाएं

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म्यूकरमायकोसिस का ये करते हैं ट्रीटमेंट

- माइक्रोबायोलॉजिस्ट

- इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट

- इंटेसिविस्ट

- न्यूरेालॉजिस्ट

- ईएनटी स्पेशलिस्ट

- ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट

- डेंटिस्ट

- सर्जन

- बॉयोकेमिस्ट

कोट

म्यूकरमायकोसिस को ब्लैक फंगस नहीं कहना चाहिए। दोनों के टर्म और ट्रीटमेंट अलग होता है। स्टेरायड और शुगर पेशेंट को ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। म्यूकरमायकोसिस का एंटी फंगल से ट्रीटमेंट होता है।

डॉ। शीतल वर्मा