लखनऊ (ब्यूरो)। सरोजनीनगर बिजनौर निवासी नोमान शिवली प्रापर्टी डीलर हैं। शुक्रवार दोपहर उन्होंने बालागंज में एचडीएफसी बैंक की शाखा से पांच लाख रुपये निकाले। रुपये बैग में रखकर कार की पिछली सीट पर रख दिया। इस बीच एक युवक ने कार के बोनट से ऑयल टपकने का झांसा दिया। नोमान कार का बोनट खोलकर देखने लगे। इस बीच कार के पीछे खड़ा टप्पेबाज का साथी रुपयों से भरा बैग ले उड़ा। कार से बैग नदारद देख प्रापर्टी डीलर नोमान के होश उड़ गए। उन्होंने आस पास लोगों से पूछकर युवक के बारे में जानकारी करने की कोशिश की, लेकिन उसका कुछ पता न चला। मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी।

पुलिस ने सीसी कैमरे खंगाले
इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने बताया कि सीसी कैमरे में दो संंदिग्ध दिख रहे हैं। उसमें से एक को प्रापर्टी डीलर ने पहचाना है। संदिग्धों की तलाश में दबिश दी जा रही है। प्रापर्टी डीलर की तहरीर पर अज्ञात टप्पेबाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रापर्टी डीलर ने बताया कि बैग में पांच लाख रुपये थे। बैंक से रुपये निकालने के बाद वह लौट रहे थे।


नौकरी दिलाने के नाम पर पांच हजार ठगे
गार्ड की नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाज ने पांच हजार रुपये ठग लिये। पीडि़त की तहरीर पर गुडंबा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर मो। अशरफ ने बताया कि सरैया बुजुर्ग कलवारी बस्ती निवासी राहुल के मुताबिक सरवन कुमार तिवारी ने उन्हें एक कंपनी के बारे में बताया। सरवन ने दिल्ली में रहने वाले डीके नाम के व्यक्ति का संपर्क नंबर दिया और मिलने के लिए कहा। दिल्ली जाकर मिले तो उसने वेरीफिकेशन और वर्दी के नाम पर पांच हजार रुपये ले लिए। उसने कहा कि 15 दिन बाद घर के पते पर ज्वाइनिंग लेटर पहुंचेगा। काफी समय बीतने के बाद भी ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला। उसके नंबर पर फोन किया तो वह स्विच ऑफ मिला। इसके बाद तहरीर देकर डीके के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।


रिटायर्ड अफसर के खाते से 1.86 हजार रुपये उड़ाए
साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड अधिकारी अब्दुल खान के एटीएम की क्लोनिंग कर 1.86 हजार रुपये उड़ा दिए। उन्होंने की तहरीर पर अमीनाबाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनका कहना है कि 20 मई से 13 जुलाई के बीच उनके खाते से रुपये निकले हैं। एसबीआई की अशोक मार्ग स्थित ब्रांच में उनका खाता है।बीते दिनों बैंक में जब वह पासबुक अपडेट कराने पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।