- व‌र्ल्ड आटिज्म अवेयरनेस डे

- परिवार में पहले से किसी को समस्या हो तो हो जाएं सजग

LUCKNOW:

मां का कुपोषित होना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। देर से विवाह, गर्भावस्था के दौरान संक्रमण और कुछ दवाएं भी मां के कुपोषित होने का कारण हो सकते हैं। यह जानकारी व‌र्ल्ड आटिज्म अवेयरनेस डे की पूर्व संध्या पर पीजीआई में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ। रुचिका टंडन ने दी।

बदल जाता है व्यवहार

डॉ। रुचिका ने बताया कि आटिज्म की समस्या लड़कों में लड़कियों से पांच गुना ज्यादा होती है। 150 बच्चों में एक बच्चे में इसके लक्षण होते हैं। आटिच्म एक न्यूरल डेवलपमेंट डिसऑर्डर है। इसके शिकार बच्चों का व्यवहार सामान्य बच्चों की तुलना में अलग होता है। इसका दवा से इलाज संभव नहीं है। बच्चे को इस काबिल बनाया जा सकता है कि वह अपने कामों को खुद कर सके। यह उसके आटिच्म के प्रकार पर निर्भर करता है कि उसको किस तरह की थेरेपी की आवश्यकता है।

तेज बुखार से भी खतरा

डॉ। रुचिका ने बताया कि अगर परिवार में आटिस्म ग्रसित कोई सदस्य है तो बच्चे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। सामान्यत: बच्चे को अचानक तेज बुखार आने के बाद उसके व्यवहार या फिर शारीरिक और मानसिक क्रियाओं में बदलाव आता है। इससे बच्चे आटिज्म का शिकार हो जाते हैं।

दो प्रकार का होता है आटिच्म

डॉ। रुचिका के मुताबिक आटिच्म दो प्रकार का होता है। पहला अति सक्रिय यानि इसमें बच्चे जरूरत से अधिक शोर, उठापटक व चीखने की आदत हो सकती है। वहीं दूसरे में बच्चा एक तरह से खामोश प्रवृत्ति का हो जाता है। वह आपकी बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देता है। ऐसे में बच्चे को ट्रेनिंग और इलाज से आत्मनिर्भर होने लायक बनाया जा सकता है। हालांकि इसमें कुछ समय लगता है।

इन लक्षणों पर रखें ध्यान

- बच्चा अपनी ही धुन में मस्त हो

- बच्चा एक साल की उम्र तक आवाज या इशारे न करें

- 16 माह की उम्र तक कोई शब्द न बोल पाए

- नाम पुकारने पर ध्यान न दे

- बातों को बार-बार दोहराना

- सामने बैठे व्यक्ति से नजरें चुराना

- बात करने पर मुंह घुमा कर बात करना या अनसुना करना

- स्कूल में दोस्त नहीं बनाना या अकेले रहना

- तत्काल डॉक्टबर को दिखाना चाहिए