- बलरामपुर अस्पताल में गेट नहीं खोलने से हुई मरीज की मौत का मामला

- अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने निदेशक से लापरवाही पर मांगी रिपोर्ट

LUCKNOW : बलरामपुर अस्पताल में इमरजेंसी जाने के लिए मुख्य गेट नहीं खोलने से हुई मरीज के मौत के बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी है। सुबह ही अस्पताल के मेन गेट को खोल दिया गया। इस मामले में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बलरामपुर अस्पताल के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मंडे को सांस की तकलीफ से गंभीर अवस्था में कार से अस्पताल पहुंचे सीतापुर निवासी 54 वर्षीय रामविलास के लिए अस्पताल के मुख्य गेट का ताला नहीं खोला गया। इससे वह समय पर इमरजेंसी नहीं पहुंच सके और उनकी मौत हो गई।

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अब इमरजेंसी वार्ड में जाने का रास्ता कर दिया बंद

जिम्मेदारों ने भले ही मुख्य गेट का ताला खोल दिया हो, जिम्मेदारों की हठधर्मिता अभी भी गई नहीं है। अब इमरजेंसी से मरीजों को प्रथम तल पर बने वार्ड में जाने के लिए लिफ्ट को छोड़कर सीढ़ी और रैंप को बंद करा दिया गया है। ऐसे में यदि कोई अनहोनी हो जाए तो मरीजों को बाहर निकालने में जान खतरे में पड़ सकती है। भूतल से प्रथम तल स्थित वार्ड तक जाने के लिए केवल एक लिफ्ट है। इसी लिफ्ट से मरीज तीमारदार और डाक्टर एवं स्टाफ को भी आना-जाना है।

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मेन गेट को खुलवा दिया गया है। शासन ने मामले पर आख्या मांगी है। इमरजेंसी की सीढ़ी को बंद नहीं कराया गया है। वह आधी खुली रहती है। मरीज उससे आ-जा सकते हैं।

-डा। रविंद्र कुमार, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल।