लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में शैक्षिक सत्र 2023-24 में बीएससी इन एग्रीकल्चर कोर्स शुरू करने की कवायद फिलहाल ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। एलयू ने कोर्स के लिए कैम्पस को लेकर शासन से जमीन की मांग की है, जो अभी तक उन्हें मुहैया नहीं हो सकी है। इसके अलावा एमबीए इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स भी एलयू इस सत्र से शुरू नहीं कर पा रहा है। एलयू के रजिस्ट्रार संजय मेधावी ने बताया कि एग्रीकल्चर कोर्स के लिए स्टूडेंट्स के लिए प्रैक्टिल लैब और फील्ड होनी चाहिए, जो हमारे पास पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में हमने शासन से जगह की मांग की है। प्रपोजल भेजा जा चुका है। जमीन मिलने के बाद कोर्स से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद ही कोर्स को चलाया जा सकेगा।

एलयू को मिला गूगल व मेटा का साथ
एलयू भारत लैब स्थापित करेगा। इसके लिए एलयू को गूगल व मेटा का साथ मिलेगा। एलयू का दावा है कि इससे टियर 2 व टियर 3 के शहरों में उपभोक्ता व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी। एलयू के प्रवक्ता प्रो दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस लैब में गूगल की सभी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। ऑनलाइन विज्ञापन, सर्च इंजन तकनीक, क्लाउड कंप्यूटिंग, ई-कॉमर्स और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स डेटाबेस शामिल हैं। इसी तरह, मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप भारत के प्रतिनिधि जेन जीवर्स की आशाओं, इच्छाओं और प्रेरणाओं को समझने के लिए स्रोत के रूप में काम करेंगे। वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने कहा, भारत लैब की स्थापना उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को समझने और पूरा करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि गूगल इंडिया के कंट्री हेड संजय गुप्ता और रीडीफ्यूजन के एम डी संदीप गोयल ने हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने का आश्वासन दिया है।