लखनऊ (ब्यूरो)। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि एमओयू के तहत संस्थान में 25 हजार वर्ग फीट एरिया उपलब्ध कराया जाएगा। आईआईटी कानपुर नॉलेज पार्टनर के रूप में रहेगा। संस्थान की फैकल्टी बायो साइंसेज, हेल्थ टेक्नोलॉजी असेसमेंट में सपोर्ट देगी। कार्किनोस हेत्थकेयर प्रा। लि। राच्य व्यापी कैंसर देखभाल नेटवर्क और कार्यान्वयन के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध कराएगी। सेंटर की प्रशासनिक देखभाल के लिए निदेशक मंडल की तैनाती होगी। इस दौरान स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, आलोक कुमार, पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमान, केजीएमयू वीसी सोनिया नित्यानंद आदि मौजूद रहे।

इसे भी जानें
- प्रदेश में हर साल 2.45 लाख कैंसर के नए मामले आ रहे।
- 3.2 प्रतिशत वार्षिक की दर से मरीज बढऩे की आशंका
- 70 फीसद मामलों में कैंसर का पता देर से चलता है
- 27 फीसद लोगों को ही मिल पता है इलाज

सीएचसी-पीएचसी में भी कैंसर का इलाज
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में सेंटर ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑन्कॉलोजी, सेंटर फॉर एडवांस्ड मॉल्यूकुलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च इन कैंसर और कैंसर कमांड सेंटरों की स्थापना की जाएगी। इन्हें एससीसीसी संबोधित किया जाएगा। अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक केंद्र, डिजिटल कैंसर रजिस्ट्री तथा जीनोमिक्स पर आधारित एडवांस टेक्नोलॉजी इन केंद्रों में होगी। अगले दस वर्षों में पीएचसी से लेकर सीएचसी तक में कैंसर का प्रारंभिक स्तर पर ही डायग्नोज व ट्रीटमेंट होने लगेगा। कैंसर के इलाज में विश्व स्तर पर यूपी की पहचान होगी।