- करों से लेकर बच्चों की स्कूल फीस और कर्ज तक के मोर्चो पर राहत का इंतजार

- उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर

रुष्टयहृह्रङ्ख: कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे व्यापारियों ने सरकार से कई मोर्चो पर राहत की गुहार लगायी है। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रें¨सग के माध्यम से हुई उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक में व्यवसायियों को विभिन्न प्रकार के करों से लेकर बच्चों की स्कूल फीस और बैंक से लिये गए कर्ज तक में रियायत देने से जुड़े कई प्रस्ताव पारित हुए।

कोरोना से मौत पर मिले बीमा योजना का लाभ

व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत अग्रवाल ने बताया कि बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि कोरोना महामारी के कारण रजिस्टर्ड व्यापारी की मृत्यु होने पर उसे दुर्घटना मानते हुए ऐसे मामलों में व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जाए। बोर्ड ने वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को अप्रैल से जून तक बिजली के बिल में फिक्स्ड चार्ज और मिनिमम चार्ज से छूट देने का प्रस्ताव पारित किया है। द्विपक्षीय वार्ता के आधार पर व्यापारियों के बच्चों की स्कूल-कालेज की फीस में छह महीने के लिए 30 से 50 प्रतिशत तक छूट देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है। वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को भवन कर व जल कर में तीन महीने तक 30 से 50 फीसद तक छूट के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है।

यह प्रस्ताव भी पारित

- 40 लाख से पांच करोड़ रुपये टर्नओवर वाले मध्यमवर्गीय कारोबारियों को उनके टर्नओवर की 10 प्रतिशत राशि 7.5 प्रतिशत ब्याज पर दो वर्ष के लिए लोन के रूप में उपलब्ध करायी जाए।

- पहले से लिए गए ऋण पर लॉकडाउन की तीन माह की अवधि के दौरान ब्याज से छूट दी जाए।

- दैवी आपदा, आपराधिक घटनाओं, आगजनी व दंगे आदि से पीडि़त व्यापारी को आर्थिक सहायता देने के लिए 250 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री व्यापारी आपदा राहत कोष का गठन कर क्षति की 20 प्रतिशत राशि राहत के रूप में मिले

- मंडी शुल्क समाप्त हो, मंडियों के रखरखाव के लिए आधे से एक प्रतिशत यूजर चार्ज या विकास शुल्क वसूला जाए

- उप्र साहूकारी अधिनियम में संशोधन कर उसे व्यावहारिक बनाया जाये।

जीएसटी काउंसिल में नामित किए जाएं व्यापार-उद्योग जगत के प्रतिनिधि

बोर्ड की बैठक में जीएसटी काउंसिल में व्यापार और उद्योग जगत के कम से कम दो प्रतिनिधियों को नामित किये जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। व्यापारियों की कठिनाइयों के मद्देनजर जीएसटी के सर्वर की तकनीक को अपडेट कर उसकी क्षमता बढ़ाने सहित 25 सुझावात्मक ¨बदुओं से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।