लखनऊ (ब्यूरो)। श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में पीजीआई थाने की पुलिस ने रविवार देर रात सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने सोमवार सुबह पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया, जबकि अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है।

बीजेपी नेता की तहरीर पर केस

एडीसीपी पूर्वी सय्यद मो। अली अब्बास के मुताबिक, रविवार देर रात ऐशबाग के रहने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर पीजीआई पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा, सलीम और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सतनाम सिंह का आरोप है कि श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाकर इन आरोपियों ने सिंह समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा व विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का जानबूझ कर प्रयास किया है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

पांच आरोपी गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी

एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सैनिक नगर का सत्येंद्र कुशवाहा, जयप्रकाश नगर आलमबाग का यशपाल सिंह, साउथ सिटी का देवेंद्र प्रताप यादव, बलदेव विहार तेलीबाग का सुरेश सिंह और उतरेटिया का मो। सलीम है। अन्य की तलाश में इंस्पेक्टर पीजीआई राणा राजेश सिंह और उनकी टीम दबिश दे रही है। अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने वृंदावन योजना तिराहे पर विरोध प्रदर्शन किया था। महासभा के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने श्रीरामचरित मानस के पन्नों की प्रतियां जलाई थीं। महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि श्रीरामचरित मानस में कई चौपाइयों में जातियों के विषय में गलत बातें लिखी हैं। संविधान में संशोधन हो सकता है, यह हवाला देते हुए प्रदेश सरकार को श्रीरामचरित मानस में लिखित चौपाइयों को हटाना और संशोधित कराना चाहिए।

ओबीसी महासभा को प्रतिबंधित करने की मांग

श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने वालों के विरोध में कई सिंह संगठन सड़क पर आ गए। अखिल भारतीय सिंह महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ परिवर्तन चौक पहुंचे। वहां अखिल भारतीय ओबीसी महासभा को प्रतिबंधित करने और आरोपियों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की मांग की। इस बीच डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक को प्रवक्ता और महासभा के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया और पांच आरोपितों की गिरफ्तारी होने पर आभार व्यक्त किया।