लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट के दर्दनाक हादसे को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, पर शहर में अवैध बेसमेंट की खोदाई बदस्तूर जारी है। पिछले एक साल में बेसमेंट की अवैध तरीके से खोदाई के करीब चार से पांच मामले सामने आ चुके हैं। इन हादसों के बाद जिम्मेदारों की ओर से बेसमेंट खोदाई की निगरानी को लेकर दावे तो किए जाते हैैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया जाता। इसपर रोक न लगने से बेसमेंट खोदाई स्थल के आसपास रहने वाले लोगों की जिंदगी पर खतरा मंडराता रहता है।

नियमों की अनदेखी होती है

एक तरफ जहां राजधानी में नियम विपरीत निर्माण हो रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे भी निर्माण सामने आते रहते हैैं, जिनमें बेसमेंट की खोदाई के दौरान नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जाती है। जिसकी वजह से कंस्ट्रक्शन साइट्स के आसपास स्थित मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। हैरानी की बात तो यह है कि बेसमेंट की खोदाई कराने वाले ज्यादातर लोगों को इस बाबत कोई एक्सपीरियंस तक नहीं होता, जिसकी वजह से इमारत गिरती है और दूसरी इमारतों में दरारें आ जाती हैैं।

2023 में एक के बाद एक हादसे

1-जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह ढह गया था। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। इस मामले में भी सामने आया था कि इमारत के बेसमेंट में खोदाई का कार्य किया जा रहा था, जिसकी वजह से हादसा हुआ।

2-गोलागंज अंतर्गत गुईन रोड में एक बिल्डर की ओर से मानक के विपरीत बेसमेंट की खोदाई कर दी गई थी। इसकी वजह से आसपास स्थित एक दर्जन मकानों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया था।

3-महानगर स्थित एक निजी बिल्डर की ओर से बेसमेंट की खोदाई कराई जा रही थी। देखते ही देखते यहां भी बेसमेंट में पानी भर गया था, जिसके कारण आसपास फ्लैट्स में रहने वाले लोग सकते में आ गए थे।

4-पीजीआई सेक्टर 11 वृंदावन एरिया में अपार्टमेंट की बेसमेंट पार्किंग बनाते समय हुई घटना में मलबे में कई मजदूर फंस गए थे, जबकि डेढ़ माह की बच्ची और उसके पिता की मौत हो गई थी।

5-दो दिन पहले आर्यनगर में बेसमेंट की अवैध खोदाई के कारण तीन मंजिला दो इमारतें गिर गई थीं।

नक्श को फॉलो नहीं किया जाता

राजधानी में चाहे आवासीय प्रोजेक्ट हो या कॉमर्शियल, ज्यादातर में बेसमेंट की खोदाई के दौरान नियमों की अनदेखी की जा रही है। सबसे ज्यादा लापरवाही आवासीय प्रोजेक्ट्स में देखने को मिल रही है। अभी तक ज्यादातर मामले आवासीय प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए ही सामने आए हैैं। इसकी वजह से खतरा और भी ज्यादा है। दरअसल, ज्यादातर आवासीय प्रोजेक्ट्स रिहायशी एरिया में ही डेवलप होते हैैं, ऐसे में अगर बेसमेंट की खोदाई नियम विपरीत होती है तो साफ है कि वहां पहले से तैयार आवासीय बिल्डिंग्स और मकानों के लिए बड़ा खतरा बन जाता है, जिसकी वजह से लोग दहशत में आ जाते हैैं। जब एलडीए की ओर से किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट का मानचित्र पास कराया जाता है तो उसमें इस बात का भी जिक्र होता है कि बेसमेंट की गहराई कितनी होगी और उसके आधार पर ही मानचित्र स्वीकृत किया जाता है। ज्यादातर निर्माणकर्ताओं की ओर से मानचित्र तो पास करा लिया जाता है और जब उनकी ओर से साइट का निर्माण शुरू कराया जाता है तो मौके पर नियम और मानकों की अनदेखी कर दी जाती है, जिसकी वजह से स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है।

कराया जाएगा सर्वे

एलडीए प्रशासन की ओर से सभी निर्माणाधीन साइट्स का सर्वे शुरू कराए जाने की तैयारी की जा रही है। जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी भी निर्माणाधीन साइट में अवैध तरीके से बेसमेंट की खोदाई का काम तो नहीं चल रहा है। अगर कहीं भी यह कार्य होता हुआ मिलता है तो संबंधित निर्माणकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।

कंस्ट्रक्शन साइट्स में नियम विरुद्ध बेसमेंट की खोदाई की जा रही है, जो बेहद खतरनाक है। नए सिरे से सभी निर्माणों का सर्वे कराया जाएगा, जिससे बेसमेंट की खोदाई के दौरान इमारतों को गिरने से रोका जा सके।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए