लखनऊ (ब्यूरो)। समय के साथ बिगड़ी लाइफस्टाइल की वजह से लोगों के रूटीन पर बुरा असर पड़ रहा है। दिनभर पढ़ाई-कोचिंग या फिर आफिस के दौरान एंटरटेनमेंट के लिए समय ही नहीं मिल पाता। जिसके कारण लोग रात में सोने की जगह अपने एंटरटेनमेंट के लिए जबरदस्ती समय निकालते हैं। हालांकि, धीरे-धीरे यह आदत बढ़ने से उनके मानसिक, शारीरिक और भावात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसे रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रास्टिनेशन कहा जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अच्छी नींद बॉडी के लिए बेहद जरूरी है।

एडोल्सेंस और युवा में समस्या ज्यादा

सोने के समय में देरी के पीछे की एक्टिविटीज आमतौर पर काफी आसान होती हैं, जिन्हें करने में लोगों को काफी मजा आता है। जैसे मोबाइल पर स्वाइप करते रहना, टीवी देखना या फिर देर तक बुक्स पढ़ते रहना आदि। केजीएमयू के साइकियाट्री विभाग के डॉ। आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में 70 पर्सेंट में नींद की समस्या देखने को मिलती है। नींद की समस्या आमतौर पर रात में सोने की जगह टीवी या मोबाइल स्क्रीन पर टाइम बिताना, रील वगैरह देखना हो सकती है। यह समस्या 15 से 18 और 35 वर्ष तक के युवाओं में ज्यादा होती है।

आदत बदलने में लगता है समय

ऐसे मरीज जब आते हैं तो उनको रात में स्क्रीन न देखने को कहा जाता है। पर वे कहते हैं कि ऐसा न करने के बावजूद उन्हें नींद नहीं आती। ऐसे में उनको समझाया जाता है कि जिस आदत को लगने 5-6 महीने लगे हैं, उसे ठीक होने में भी समय लगता है। समस्या से छुटकारा पाने के लिए समय देना पड़ता है। वहीं, समस्या ज्यादा होने पर थेरेपी व काउंसिलिंग की जाती है।

अच्छी नींद के लिए ये बातें बेहद जरूरी

डॉ। आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक, अच्छी नींद के लिए कई चीजों का संतुलन बेहद जरूरी होता है। पहला, दिन में फीजिकल एक्टिवटी और रात में समय पर रेस्ट बेहद जरूरी है। दूसरा, डायजेशन सिस्टम रिलैक्स हो गया तो नींद अच्छी आती है। ऐसे में सोने से दो-तीन घंटे पहले खाएं। तीसरा, नींद के लिए स्ट्रेस फ्री होना बेहद जरूरी है, वरना नींद में खलल पड़ सकता है।

स्लीप एफीशियंसी का ध्यान रखें

डॉ। आदर्श बताते हैं कि स्लीप एफीशियंसी इंडेक्स का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आप जितना सोएं उसका 20 पर्सेंट एक्स्ट्रा ही बेड पर लेट सकते है। इससे ज्यादा लेटने पर नींद गड़बड़ हो सकती है। यह समस्या महिलाओं और बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है। जिसे आम भाषा में स्लीप पर्सेप्शन डिस्आर्डर कहा जाता है।

ऐसे करें अपना बचाव

- नींद समय पर लें

- स्लीप हायजीन का ध्यान रखें

- सोने से तीन घंटे पहले खाएं

- रात का खाना हल्का हो

- फैटी फूड कम हो

- नींद से एक घंटा पहले स्क्रीन टाइम न हो

- रात को हल्का म्यूजिक सुनें

किसी काम के लिए नींद को टालना अच्छी आदत नहीं है। इससे कई तरह की समस्या होती है। लोगों को अच्छी नींद के लिए स्लीप हायजीन का ध्यान रखना चाहिए।

-डॉ। आदर्श त्रिपाठी, केजीएमयू