- कौशांबी के तत्कालीन डीएम के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा

- अवैध खनन पट्टे देने का आरोप, छापे में साक्ष्य जुटा चुकी है सीबीआई

रुष्टयहृह्रङ्ख : खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने कौशांबी के तत्कालीन डीएम सत्येंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रयागराज और कौशांबी निवासी नौ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी मुकदमा लिखा गया है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पर आरोप है कि 2012 से 2014 तक जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने गलत ढंग से खनन पट्टे आवंटित कर दिए थे। पिछले दिनों छापे मारकर सीबीआई नकदी, जेवर और अचल संपत्ति के दस्तावेज सहित तमाम साक्ष्य भी इकट्ठे कर चुकी है। गौरतलब है कि सत्येंद्र लखनऊ के भी डीएम रह चुके हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 2016 में दिए गए आदेश के बाद से सीबीआई खनन घोटाले की जांच कर रही है। इसमें बी.चंद्रकला व जीवेश नंदन सहित पांच आईएएस अधिकारियों पर पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है। तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी इसमें फंसे हैं। इसी के तहत अब मंगलवार को कौशांबी के तत्कालीन डीएम सत्येंद्र सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया। आरोप है कि 2012 से 2014 के दौरान पद पर रहते हुए उन्होंने दो नए खनन पट्टे आवंटित किए और नौ का नवीनीकरण किया। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा 31 मई, 2012 को जारी आदेश के तहत ई-टेंड¨रग प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

पिछले दिनों सीबीआइ ने कौशांबी और लखनऊ में आरोपितों के नौ अलग-अलग स्थानों पर छापे मारकर कई दस्तावेज और अन्य साक्ष्य जुटाए थे। इसी तरह सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के परिसर में छापा मारकर दस लाख रुपये नकद, 44 अचल संपत्तियों, 51 लाख रुपये फिक्स डिपाजिट से संबंधित दस्तावेज, स्वजन और नौकरों के नाम से लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नई दिल्ली की बैंकों में खोले गए खातों के कागजात और छह लॉकरों की चाबियां बरामद हुई थीं। इन लॉकरों में 2.11 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के जेवर और एक लाख रुपये के पुराने नोट मिले थे।

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मुकदमे में अन्य अभियुक्त

कौशांबी निवासी नेपाली निषाद, नर नारायण मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी, खेमराज सिंह, मुन्नीलाल, शिवप्रकाश सिंह, योगेंद्र सिंह व राम अभिलाष और प्रयागराज निवासी रामप्रताप सिंह।