- घोटाले में लिप्त खनन विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदारों के ठिकाने खंगाले

- दिल्ली समेत सात शहरों में सीबीआई की टीमों ने की छानबीन

- खनन विभाग के रिटायर्ड क्लर्क के पास मिला दो करोड़ कैश, दो किलो गोल्ड

- 07 शहरों में सीबीआई की टीमों ने की छापेमारी

- 14 ठिकानों को सीबीआई अफसरों ने खंगाला

- 11 सरकारी अफसरों और निजी लोगों पर एफआईआर की दर्ज

- 2.12 करोड़ रुपये कैश बरामद खनन विभाग के अफसरों के घर से

- 3.80 किलो सोना भी बरामद किया गया खनन अधिकारी और क्लर्क से

- 2012 से 2016 के बीच हुए खनन घोटाले की सीबीआई कर रही जांच

इन शहरों में छापेमारी

दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जालौन, हमीरपुर और उरई।

लखनऊ में छापेमारी

1. आईएएस बी। चंद्रकला, फ्लैट नंबर 101 सफायर होम्स एंड विला, सरोजनी नायडू मार्ग

2. लीज होल्डर आदिल खान, आजमी विला, सेवन वे रोड, जॉपलिंग रोड

3. खनन अधिकारी मोइनुद्दीन के आवास पर

4. खनन विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के आवास पर

कहां से क्या बरामद

- बी। चंद्रकला (आईएएस)

संपत्तियों के कागज, जेवरात और बैंक लॉकर के दस्तावेज

- राम अवतार सिंह ( रिटायर्ड क्लर्क, खनन विभाग)

दो करोड़ रुपये कैश और करीब दो करोड़ रुपये की कीमत का सोना

- मोईनुद्दीन (मोईनुद्दीन, तत्कालीन खनन अधिकारी)

12.5 लाख रुपये कैश और 1.8 किलो सोना

lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : सपा सरकार में हमीरपुर में अंजाम दिए गये खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने तत्कालीन डीएम और अक्सर चर्चा में रहने वाली बी। चंद्रकला समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद शनिवार को राजधानी समेत सात शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। सीबीआई इस प्रकरण की जांच पिछले दो साल से कर रही थी जिसमें सामने आया कि बी। चंद्रकला ने खनन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ आपराधिक साजिश रचते हुए 50 से ज्यादा खनन के पट्टे नियमों को धता बताते हुए जारी किए। सीबीआई को इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की संलिप्तता के प्रमाण भी मिले हैं, जिसकी पड़ताल की जा रही है। वहीं खनन के पट्टे हासिल करने वाले प्रभावशाली ठेकेदारों के अलावा तत्कालीन हमीरपुर के खनन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद शनिवार को उनके ठिकानों पर छापे मारे गये। सीबीआई की टीम ने राजधानी में आईएएस बी। चंद्रकला, लीज होल्डर आदिल खान, खनन अधिकारी मोईनुद्दीन व एक अन्य कर्मचारी के ठिकानों को खंगाला है।

लॉकर सील, ज्वैलरी बरामद
दरअसल सीबीआई ने मार्च 2017 में हाईकोर्ट के निर्देश पर यूपी के सात जिलों में हुए खनन घोटाले की जांच शुरू करते हुए प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वर्ष 2008 बैच की आईएएस बी। चंद्रकला ने 13 अप्रैल 2012 से 6 जून 2016 तक हमीरपुर की डीएम रहने के दौरान नियमों को ताक पर रखकर 50 से ज्यादा खनन के पट्टे आवंटित किये जिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा रखी थी। इनमें से ज्यादातर पट्टे तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की सिफारिश पर दिए गये। शनिवार सुबह तकरीबन दस बजे चंद्रकला के सरोजनी नायडू मार्ग स्थित सफायर होम्स एंड विला के फ्लैट नंबर 101 पर सीबीआई के आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों ने अचानक छापा मारा। इस दौरान फ्लैट पर ताला लगा हुआ था। सीबीआई ने चंद्रकला के पर्सनल असिस्टेंट बताए जा रहे युवक को तलब कर फ्लैट की चाभी लेने भेजा जिसके बाद उसे खुलवाया गया। फ्लैट में करीब ढाई घंटे तक चली छापेमारी में तमाम संपत्तियों के दस्तावेज, जेवरात और बैंक लॉकर के दस्तावेज बरामद किए गये है। उनके बैंक खाते और लॉकर दिल्ली और नोएडा के बताए जा रहे है। करीब 12.45 पर सीबीआई की टीम ने अपनी कार्यवाही पूरी करने के बाद बाकी ठिकानों का रुख कर लिया।

क्लर्क के घर पर मिली बेशुमार दौलत
छापेमारी के दौरान जालौन में खनन विभाग के रिटायर्ड क्लर्क राम अवतार सिंह के ठिकाने पर सीबीआई को दो करोड़ रुपये कैश और करीब दो करोड़ रुपये की कीमत का सोना बरामद हुआ है। इसके अलावा लीज होल्डर आदिल खान के दिल्ली और लखनऊ स्थित ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापा मारा है। आदिल खान को गायत्री प्रजापति की सिफारिश पर खनन के पट्टे लीज पर दिए गये थे। वहीं हमीरपुर में तत्कालीन खनन अधिकारी मोईनुद्दीन के आवास पर भी छापा मारा गया है। उनके आवास से 12.5 लाख रुपये कैश और 1.8 किलो सोना बरामद किया गया है। सीबीआई ने सपा एमएलसी रमेश मिश्र और उनके भाई दिनेश कुमार के कानपुर स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी की। इसके अलावा हमीरपुर के तत्कालीन खनन विभाग के क्लर्क राम आश्रय प्रजापति के आवास को भी खंगाला। बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले संजय दीक्षित और उनके पिता सत्यदेव दीक्षित के आवास और जालौन में बालू व्यवसायी करन सिंह के ठिकानों को भी सीबीआई ने खंगाला है।

इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज

तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला, खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, एमएलसी रमेश कुमार मिश्र व उनके व्यापारी भाई दिनेश कुमार मिश्र, लीज होल्डर अंबिका तिवारी, लीज होल्डर संजय दीक्षित, लीज होल्डर सत्यदेव दीक्षित, लीज होल्डर रामअवतार सिंह, लीज होल्डर करन सिंह, लीज होल्डर आदिल खान।

इन धाराओं में केस दर्ज
120 बी, 379,384, 420 और 511, एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2), 13 (1) (डी)।