- मायावती का कानून व्यवस्था पर प्रदेश सरकार पर हमला

- संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए बर्खास्त करे प्रदेश सरकार

- अमित शाह के बयान की कड़ी आलोचना भी की

LUCKNOW: बसपा सुप्रीमो मायावती ने सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। रविवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने सूबे की बदतर कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को 1992 की तरह यूपी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। केंद्र सरकार ने पहले भी कई राज्यों की सरकार को बर्खास्त किया है। उन्होंने अमित शाह द्वारा दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी ओबामा की तो नहीं, लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार की जरूर है। साथ ही उन्होंने शाह के बयान को बचकाना और गैर जिम्मेदाराना करार दिया।

पहले वादे पूरे करें मोदी

मायावती ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की हालत खराब है। उनकी रैलियों में भीड़ नहीं जुट पा रही है तो रैली का नाम बदलकर बूथ लेविल कार्यकर्ताओं की मीटिंग का नाम दे दिया है। दरअसल बीजेपी ने एक एक सीट पर तीन-तीन लोगों को टिकट देने का वादा किया है, और उनसे ही रैलियों में भीड़ जुटाने को कहा जाता है। इसके बावजूद बीजेपी नेताओं की रैलियों में भीड़ नहीं हो रही है। बीजेपी को देवी देवताओं, भगवानों का गुणगान करने और अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मन्दिर का निर्माण का प्रचार करने का कोई राजनैतिक लाभ नहीं मिलने वाला है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आम जनता से किये गये वायदों को पूरा करें, तभी यूपी में उनके लिए कुछ बात बन सकती है।

किसानों को राहत का इंतजार

उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े पूंजीपति और धन्नासेठ कालेधन को सफेद करने के लिये कृषि क्षेत्र में आयकर से मिलने वाली छूट का अनुचित लाभ उठा रहे हैं। इस सेक्टर में मोदी के कदम का लोगों को इंतजार है। उन्होंने कहा कि आयकर चोरी के धन को वसूल करके भुखमरी व कंगाली से जुझने वाले किसानों की आर्थिक मदद फौरन की जा सकती है। वहीं काला धन को सफेद करने के लिये केन्द्र सरकार ने जो छूट दे रखी है, उससे प्राप्त धनराशि अगर गरीबों को 15 से 20 लाख रूपये के हिसाब से दी जाती है तो यह गरीबों पर बहुत बड़ी मेहरबानी होगी। वहीं दूसरी ओर उन्होंने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान को ध्यान में रखते हुए दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर केंद्र सरकार से मदद करने की अपील भी की।