लखनऊ (ब्यूरो)। जी20 की अध्यक्षता से देश के प्रति दुनिया के भरोसे की पहचान है। दुनिया को नया, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत देखने को मिलेगा। ये बातें मंगलवार को एलयू के इकनॉमिक्स डिपार्टमेंट के चाणक्य सभागार में हुए जी20 कॉन्क्लेव में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहीं। कार्यक्रम का आयोजन यूपी सरकार और एलयू ने मिलकर किया। उन्होंने कहा कि जी20 ऐसे देशों का ग्रुप है, जिनका आर्थिक सामथ्र्य दुनिया की 85 फीसदी जीडीपी को रिप्रेंटेट करता है। ये देश दुनिया के 75 फीसदी व्यापार को भी रिप्रेजेंट करते हैं। इसमें दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या आती है। ऐसे में यह कॉन्क्लेव और अहम हो जाता है।

देश का ग्रोथ मॉडल दूसरे मॉडल को जन्म देता है

जी20 के समन्वयक और एलयू के प्रो। एमके अग्रवाल ने कहा कि देश का ग्रोथ मॉडल नए समावेशी ग्रोथ मॉडल को जन्म देता है। इनक्लूसिव डिवेलपमेंट स्ट्रैटजी से विकास अंतिम आदमी तक पहुंचा है। मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस दिल्ली से आईं वक्ता स्वास्ती राव ने कहा कि पूरा देश जी20 की अध्यक्षता को उत्सव की तरह मना रहा है। जी20 ट्रायका पद्धति पर काम करती है। यूनाइटेड नेशन से दुनिया का भरोसा उठ रहा है। देश भुखमरी को दूर करने के प्रयास कर रहा है। 27 जनवरी से लेकर अगस्त तक जी20 के कार्यक्रम चलेंगे। नगर विकास सचिव रंजन कुमार ने कहा कि अध्यक्षता समस्याओं के समाधान के तौर पर काम करेगी।

ये लोग भी रहे मौजूद

कॉन्क्लेव में बीबीएयू के प्रो। सनातन नायक, एलयू से प्रो। एके सिंह, प्रो। संगीता साहू, प्रो। डीआर साहू, कुलसचिव प्रो। संजय मेधावी, डॉ। उर्वशी सिरोहरी समेत 150 शिक्षकों ने भाग लिया।