- कुंटू सिंह व अंखड पर साजिश रचने व सुपारी देने का आरोप

- शूटर संदीप सिंह बाबा, अंकुर सिंह, मुस्तफा पर गोलियां बरसाने व प्रिंस, बंधन, रेहान को बताया गया मददगार

LUCKNOW: अजीत सिंह मर्डर केस में शामिल आठ आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें कुंटू सिंह और अंखड पर साजिश रचने व सुपारी देने का आरोप तय किया गया है। वहीं शूटर संदीप सिंह बाबा, अंकुर सिंह व मुस्तफा पर गोलियां बरसाने का आरोप है। इनकी मदद करने के आरोप में प्रिंस सिंह, बंधन सिंह और रेहान को भी गिरफ्तार किया गया था। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। वहीं गिरधारी के खिलाफ मामले में पुलिस के पास ठोस सबूत थे, लेकिन वह मुठभेड़ में मार गिराया गया था। ऐसे में चार्जशीट में उसका नाम नहीं शामिल है। पुलिस के मुताबिक जल्द ही मामले में अन्य चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।

हमलावर और मददगार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

6 जनवरी को कठौता चौराहे पर अजीत सिंह को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। अजीत के साथ मौजूद मोहर सिंह और राहगीर आकाश भी घायल हुआ था। गैंगवार में शूटर राजेश तोमर भी घायल हुआ था। मोहर सिंह ने आजमगढ़ जेल में बंद ध्रुव उर्फ कुंटू सिंह, अखंड व गिरधारी समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में कुंटू सिंह के साथ अखंड पर मुख्य साजिशकर्ता और सुपारी देने का आरोप तय हुआ है। मामले में मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ कन्हैया पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू, अखंड सिंह, संदीप सिंह बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, राजेश तोमर, शिवेंद्र उर्फ अंकुर अपराधियों की मदद करने वाले बंधन सिंह, प्रिंस सिंह व रेहान गिरफ्तार किए गए हैं।

दो आरोपी अभी फरार

इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इन आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। वहीं पुलिस को शूटर रवि यादव व मददगार विपुल सिंह की तलाश है। इसके लिए पुलिस टीम लगी हुई है।

गुरुवार को राजेश से पूछताछ

इंस्पेक्टर चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक शूटर राजेश तोमर की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई है। उससे गुरुवार व शुक्रवार को दिन में 10-10 घंटे की पूछताछ की जाएगी। गुरुवार सुबह पुलिस टीम उसे लखनऊ जिला जेल से लेकर विभूतिखंड थाने पहुंचेगी। उससे दिन में पूछताछ करने के बाद गैंगवार में प्रयुक्त असलहा बरामद कराने के लिए ले जाया जाएगा। इसके बाद उससे उन स्थानों के बारे में भी जानकारी हासिल की जाएगी, जहां उसका इलाज किया गया। उसके इलाज के लिए कौन-कौन लोग मदद किये थे, उनके नाम भी पूछे जाएंगे। पुलिस उसके फरारी के दौरान मदद करने वालों और ठिकानों के बारे में जानकारी हासिल करेगी।