लखनऊ (ब्यूरो)। बस स्टेशनों पर ईवी चार्जिंग प्वाइंट पीपीपी मॉडल के तहत बनाए जाएंगे। इसके लिए वाहन स्वामियों को प्रति यूनिट के हिसाब से फीस देनी होगी। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जल्द टेंडर जारी किया जाएगा।
राजधानी में 55 हजार से अधिक ईवी
सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस समय प्रदेश में करीब 5 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हंै। राजधानी में 55 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इसमें ई-रिक्शा, ई-ऑटो, टू और फोर व्हीलर आदि शामिल हैं।
चार्जिंग में लगता है काफी समय
इलेक्ट्रिक वाहनों को घर पर चार्ज करने में 5 से 7 घंटे तक का समय लगता है। वहीं, बीच रास्ते बैटरी डिस्चार्ज होने के डर से लोग इन्हें लंबी दूरी की यात्रा पर ले जाने से भी डरते हैं। अभी इन वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट भी बेहद कम हैं। जिससे इन वाहनों की चार्जिंग को लेकर काफी समस्याएं आती हैं।
पब्लिक चार्जिंग स्टेशन की सुविधा
परिवहन विभाग भी अब ई-बसों की ओर फोकस कर रहा है। जल्द ही 100 ई-बसें और आनी हैं लेकिन इनकी चार्जिंग को लेकर समस्या बनी रहती है। इसे देखते हुए 100 से अधिक बस स्टेशनों और अन्य वर्कशॉप में ईवी चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। इसके अलावा पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के तहत आम लोगों को भी इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने की सुविधा मिलेगी। ऐसे में ईवी वाहन चालक बिना किसी दिक्कत के लंबी दूरी का सफर तय कर सकेंगे।
पीपीपी मोड पर चार्जिंग स्टेशन
पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट पीपीपी मॉडल के तहत लगाए जाएंगे। यहां प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज लिया जाएगा। टेंडर जारी होने के बाद चार्जिंग के लिए क्या फीस ली जाएगी, तय किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार चार्जिंग प्वाइंट के लिए बस स्टेशन और वर्कशॉप के अंदर कंपनी को जगह दी जाएगी। जहां सेटअप लगाया जाएगा। इसके लिए कंपनी से भी शुल्क लिया जाएगा। ईवी एक्सपर्ट के मुताबिक बाहर लगने वाले चार्जिंग प्वाइंट डीसी पर काम करते हैं। इसलिए अलग-अलग कंपनियों की गाडिय़ों को चार्ज होने में 15 मिनट से 1 घंटा तक का समय लगता है।
सभी बस स्टेशनों पर पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा होगी। जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किया जाएगा। यहां प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज लिया जाएगा।
- अजीत सिंह, पीआरओ, परिवहन निगम