- इंटरनेट पर wazifa get rid of mental disorders and love yourself साइट सर्च की थी छात्रा ने

- परिवार पर खतरा बताकर मौलवी ने लामाटर््स की छात्रा से 8 लाख की ठगी को दिया अंजाम

LUCKNOWलामार्ट ग‌र्ल्स कॉलेज की 8वीं की छात्रा ठगी का शिकार हो गई। ऑनलाइन एक साइट को सर्च करना उसे महंगा पड़ गया। छात्रा को जिन्न केसाए का भय दिखाकर और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देकर खुद को मौलवी बताने वाले शख्स ने 8.73 लाख रुपये ठग लिये। छात्रा के परिजनों की तहरीर पर महानगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस और सर्विलांस टीम मोबाइल नंबर के आधार पर मौलवी की तलाश कर रही है।

ऑनलाइन साइट सर्च की थी इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप सिंह के अनुसार महानगर की एक लड़की लामार्ट कॉलेज में कक्षा 8वीं की छात्रा है। छात्रा के घरवालों ने उसे ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल दिया था। इंस्पेक्टर महानगर के मुताबिक ऑनलाइन क्लास के दौरान छात्रा जून में कुछ साइट्स इंटरनेट पर सर्च कर रही थी। तभी उसे wazifa get rid of mental disorders and love yourself की साइट दिखी। उस पर दिए गए मोबाइल नंबर पर उसने संपर्क किया तो एक व्यक्ति ने फोन रिसीव किया। उसने कहा कि वह मौलवी है। बातचीत करने के दौरान मौलवी ने छात्रा से कहा कि उसके ऊपर जिन्नातों का साया है। इससे छात्रा डर गई। इसके बाद उससे रुपयों की मांग की गई। रुपये न देने पर छात्रा और उसके पूरे परिवार को तंत्रमंत्र की ताकत से जान से मारने की धमकी दी गई। इससे छात्रा डर गई।

एसबीआई अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किये

छात्रा ने बताया कि जून में डर की वजह से उसने मौलवी से कई बार बात की। जब भी बात करती मौलवी रुपयों की डिमांड करता था। मौलवी समय देता था कि अब इस दिन इतने बजे वह फोन करेगा। मौलवी की डिमांड पर मां के दो बैंक खातों को गूगल पे अकाउंट से कनेक्ट किया। इसके बाद मौलवी के बताए गए खातों में कुल 8.73 लाख रुपये ट्रांसफर किए। छात्रा इतने रुपये ट्रांसफर करने के बाद डरी सहमी रहती थी। यह देख घर वालों ने पूछताछ शुरू की पर उसने कुछ नहीं बताया। घर वालों ने जब ज्यादा पूछताछ की तो छात्रा रोने लगी और उसने सारी जानकारी दी। घर वालों की तहरीर पर मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

मैसेज करा देता था डिलीट

इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह ने बताया कि छात्रा के मोबाइल वाट्सएप और मैसेज के जरिए जो भी मौलवी से बात होती थी वह उसे डिलीट करा देता था। इस कारण ज्यादा डिटेल पुलिस के हाथ नहीं लगी। मौलवी ने नंबर बदल-बदलकर कई बार छात्रा से बात की। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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बच्चों पर रखें नजर

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम के प्रदेश नोडल इंचार्ज डॉ। सुनील पांडेय के मुताबिक कोरोना की वजह से ऑनलाइन क्लास, दोस्तों व टीचर्स से न मिल पाना आदि बच्चों के कोमल मन पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। यही दबाव आगे बढ़ते हुए डिप्रेशन बढ़ाने का काम कर रहा है। स्कूली छात्रों में उनके व परिवार के भविष्य को लेकर चिंता हो रही है, जिसके कारण वो नेट पर इसका समाधान ढूंढने लगते हैं। वहीं मासूम होने के साथ डर के कारण वो दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को उनपर खास ध्यान रखना चाहिए। अगर बच्चों के दैनिक काम में कोई अंतर दिखे तो बच्चे से बात करें। अगर जरा सा भी कुछ अंदेशा हो तो तुरंत उनकी काउंसलिंग करवाएं।

मेंटल टेंशन ऐसे करें दूर

- बच्चों को हॉबी के अनुसार बिजी रखें

- पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ समय-समय पर बात करते रहें

- पढ़ाई का स्लॉट एक-डेढ़ घंटे से ज्यादा न रखें

- क्रिएटिव एक्टिविटी में बिजी रखें

- म्यूजिक और डांस स्ट्रेस कम करने का काम करता है

- बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें

- बच्चों को 7-8 घंटे की नींद लेने दें

इसे करें अवाइड

- वाट्सएप और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें

- टीवी पर ज्यादा न्यूज देखना अवाइड करें

- बच्चों को मेंटली सपोर्ट करें

- घर के बड़े बुजुर्ग के साथ बात करने के लिए कहें

- बच्चे किससे और क्या बात कर रहे हैं इसपर ध्यान दें

- बच्चे कौन सा सोशल मीडिया यूज कर रहे हैं इसपर नजर रखे

कोट

बच्चों के कोमल मन पर डर का बड़ा प्रभाव होने से डिप्रेशन जैसे हालात बनते हैं, जिसका फायदा दूसरे उठाने की कोशिश करते हैं। पैरेंट्स को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।

- डॉ। सुनील पांडेय, प्रदेश नोडल इंचार्ज, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम