लखनऊ (ब्यूरो)। चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होगी। 9 नवंबर को खरना व छोटी छठ मनाई जाएगी। इस दिन ठेकुआ बनाने के साथ पूजन की पूरी तैयारी की जाती है जबकि शाम को साठी के चावल व गुड़ की बनी खीर रसियाव के सेवन के बाद 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।

सीएम होंगे मुख्य अतिथि

भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि छठ मेला के अवसर पर गोमती घाट में 10 एवं 11 नवंबर को भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना, आशुतोष टंडन समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहेंगे। इस दौरान समाजिक काम करने वाली महान विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।

सभी तैयारियां पूरी

इसके अलावा छठ पूजा की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है। छठ पूजा करने वालें लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। इसमें जो लोग सूर्य को अर्घ देंगे उनका वैक्सीन की दोनों डोज होना अनिवार्य है। घाट पर ही थर्मल जांच एवं सेनेटाइजर आदि की सब व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा वैक्सीनेशन कैंप भी लगेगा।

यहां पर भी होगी पूजा

मनकामेश्वर उपवन घाट पर 10 और 11 नवंबर को छठ पूजा होगी। महंत देव्यागिरि के सानिध्य में सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। इसके अलावा पक्कापुल स्थित छठ घाट, खाटू श्याम मंदिर घाट, पंचमुखी हनुमान मंदिर घाट समेत घरों में पूजा होगी।

बाजार में बढ़ी रौनक

सूर्य उपासना के इस पर्व को लेकर बाजार में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। सभी सामग्री 6, 12 व 24 की संख्या में लेकर लोग पूजा करते हैं। इसमें साठी का चावल, गुड़ से बना ठेकुआ, टिकरी तथा मौसमी फल जैसे अनार, केला, सेब, संतरा, नीबू, गन्ना, सुथनी, बेर व शरीफा आदि फलों का डाला में रखकर पूजा किया जाता है। इन सबकी खरीदारी शुरू हो गई है।

11 को व्रत का पारण

10 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य के साथ मुख्य पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन व्रती महिलाएं पास की नदी व तालाब जाकर पानी में खड़ी होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देती हैं। इस दौरान व्रती महिलाएं छठ मैय्या के गीत गाती हैं। वहीं घाट पर बने छठ मइया के प्रतीक सुसोबिता के पास बैठकर पूजन करती हैं। 11 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद प्रसाद वितरण के साथ ही व्रत का पारण किया जाएगा।

महिलाएं भरती हैं कोसी

छठ व्रती महिला व पुरुष माटी की कोसी पर षष्ठी देवी की पूजा करते हैं। व्रती शाम को पहले अघ्र्य अर्पण के बाद जब घाट से वापस घर को आते हैं तो आंगन में रंगोली बना माटी के हाथीनुमा कोसी की पूजा अर्चना करते हैं, जिसके ऊपर ईख का चनना बनाकर पूजा की जाती है, जिसे महिलाएं कोसी भरना भी कहती हैं।

डीएम ने किया निरीक्षण

डीएम अभिषेक प्रकाश ने छठ पूजा को लेकर लक्ष्मण मेला पार्क स्थित घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सभी घाटों पर कोविड-19 हेल्प डेस्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन, सफाई व्यवस्था, लाइटिंग, पार्किंग, रैंप बनाने के आदेश दिए। वहीं, सिचाई विभाग को घाटों पर गंदगी, काई व जल कुंभी आदि हटाने, नगर निगम को जल छिड़काव, पर्याप्त मात्रा में नावों और गोताखोरों की व्यवस्था समेत इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस आदि की व्यवस्था करने को कहा।

पूजा पर एक नजर

डेट सामग्री

8 नवंबर - नहाए- खाए

9 नवंबर - खरना

10 नवंबर - डाला छठ अस्तचलगामी सूर्य को अघ्र्य

11 नवंबर - उगते सूर्य के साथ अघ्र्य व व्रत पारण