- अधिकतर सिटी बसें कर चुकी हैं उम्र पूरी

- लोगों को लेना पड़ रहा है ऑटो, टेंपो, ई-रिक्शा का सहारा

LUCKNOW:

हाईटैक ग्रीन बसों का सपना दिखा रही यूपी रोडवेज की सिटी बस सेवा कंडम बसों के सहारे चल रही है। एक तरफ तकनीकि को एडवांस करके हाईड्रोजन फ्यूल पर काम का दावा किया जा रहा है तो वहीं राजधानी लखनऊ में सिटी बसों के रूट एक के बाद एक बंद होते जा रहे हैं। एक समय राजधानी के 36 रूट पर ये बसें चलती थीं जो अब सिर्फ 16 रूट पर चल रही हैं। अधिकतर सिटी बसें अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

लेना पड़ रहा ऑटो का सहारा

जिन मागरें से सिटी बसे हटाई गई हैं वहां के लोग आवागमन के लिए ऑटो, कैब, ई-रिक्शा का सहारा ले रहे हैं और इनका किराए में अधिक पैसा भी खर्च हो रहा है। सिटी बसों की कमी के चलते करीब 20 रूट पर इनका संचालन बंद कर दिया गया है।

सिर्फ 80 बसों का संचालन

अब सिर्फ 80 बसों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें 42 सीएनजी और 38 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। जबकि पहले 260 बसों का संचालन किया जाता था।

इलेक्ट्रिक बसों का किराया अधिक

इलेक्ट्रिक बसों का संचालन राजधानी के कई रूट पर किया गया लेकिन किराया अधिक होने के कारण लोग इसमें ज्यादा सफर नहीं कर रहे थे। नगरीय परिवहन निदेशालय ने तीन माह में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य रखा है।

इन रूट पर बंद है बस सेवा

-पॉलीटेक्निक से बाराबंकी

-पॉलीटेक्निक से चारबाग

-पॉलीटेक्निक से आलमबाग

-चारबाग से महानगर

-चारबाग से गोमतीनगर

-चारबाग से ट्रांसपोर्ट नगर

जेएनएनयूआरएम योजना के तहत लखनऊ को मिली 260 सिटी बसें कबाड़ हो चुकी हैं। कुछ बसों को रिपेयर करके चलाया जा रहा है। बाकी बसें नीलामी की सूची में हैं।

पल्लव बोस, प्रबंध निदेशक, लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमि।