लखनऊ (ब्यूरो)। अवैध कब्जों, कूड़ा पटान और जलकुंभी के बीच लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी ऐशबाग स्थित ऐतिहासिक जमुना झील को एलडीए ने दोबारा उसके मूल स्वरूप में लाने का काम शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी की पहल पर झील में हाईटेक मशीनें उतारी गयी हैं, जो माइक्रो बबल्स एयरेशन तकनीक से पानी को साफ करके झील के ईको सिस्टम को पुनस्र्थापित करने का काम करेंगी।

वीसी ने किया था निरीक्षण

सहायक अभियंता केपी गुप्ता ने बताया कि एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बीते 13 नवंबर को मालवीय नगर स्थित जमुना झील का निरीक्षण किया था। इस दौरान वीसी ने झील में उगी जलकुंभी व झाडिय़ों को मशीनें लगाकर हटवाने के आदेश दिये थे साथ ही माइक्रो बबल्स एयरेशन तकनीक से झील के पानी को साफ कराके ईको सिस्टम को पुनस्र्थापित कराये जाने के संबंध में निर्देश दिये थे। वीसी द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में झील की सफाई व सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करा दिया गया है। इसके लिए सबसे पहले सेंट्रल मशीन व इससे संबद्ध दूसरे उपकरणों के संचालन के लिए पार्क में नया बिजली कनेक्शन करवाया गया है। इसके अलावा ट्यूबवेल की री-बोरिंग व मरम्मत तथा लाइटों को ठीक कराने का कार्य प्रगति पर है।

बढ़ाया जाएगा ऑक्सीजन लेवल

वीसी ने बताया कि माइक्रो बबल्स एयरेशन सिस्टम से झील के पानी में डिसॉल्वड ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया जाता है। इससे झील के ईको सिस्टम को री-स्टोर करने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि देश की सुप्रसिद्ध नैनीताल और पुष्कर झील में भी माइक्रो बबल्स एयरेशन सिस्टम से सफाई का कार्य कराया गया है, जिसके नतीजे काफी बेहतर मिले हैं। इसे ध्यान में रखते हुए लखनऊ की इस ऐतिहासिक झील का कायाकल्प भी इसी पद्धति के इस्तेमाल से कराया जा रहा है।

पार्क की पैमाइश का कार्य हुआ पूरा

नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि वीसी द्वारा झील से सटे पार्क में पाथ-वे बनाकर टिकटिंग सिस्टम लागू करने तथा पार्क के खाली हिस्से में सामुदायिक केंद्र बनाने के संबंध में निर्देश दिये गये थे। इसके अनुपालन में पार्क की पैमाइश का कार्य करा दिया गया है तथा इसे विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जमुना झील से बड़ी तादाद में अवैध कब्जे हटा दिये गये हैं।