-गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच बेसहारा बच्चों से की मुलाकात

-उपहार देकर बढ़ाया हौसला, विधिक अभिभावकों से बोले-बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें

GORAKHPUR: बच्चे सामने हों और बालप्रेमी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दुलारे बिना रह जाएं, ऐसा नहीं हो सकता। तब तो और भी नहीं, जब बच्चे बेसहारा हों। तब वह वात्सल्य रस से ओतप्रोत दिखते हैं और उनके भविष्य की चिंता को लेकर गंभीर भी। ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को दिखा, जब गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री उन पांच बच्चों से मिले, जिन्होंने कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खो दिया है।

भावुक हो उठे बच्चे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की सुबह जनता दर्शन के बाद बच्चों से मुलाकात की। ये बच्चे अपने-अपने विधिक अभिभावक के साथ आए थे। सात से 11 वर्ष तक की उम्र के बच्चे जब मुख्यमंत्री योगी के पास पहुंचे तो वह भावुक हो उठे। उन्होंने बच्चों के सिर पर प्यार से हाथ फेरा। किसी से पूछा कि किस कक्षा में पढ़ते हो तो किसी बच्चे से पूछा क्या अच्छा लगता है। बच्चों के मनोभाव को समझते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें ढांढस बंधाया, दुलारा भी। भावुक होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मां-पिता का न रहना बेहद दुखदायी होता है, लेकिन इसे लेकर चिंता बिल्कुल न करना। तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, तुम्हारी चिंता करने के लिए मैं हूं ना। मुख्यमंत्री ने हर बच्चे को अपने हाथ से उपहार भी दिया। संक्षिप्त मुलाकात में ही उनके लाड़-प्यार को देखकर लोग भावुक हो गए। कई लोगों की आंखें नम हो आईं। बच्चों को दुलारने के बाद मुख्यमंत्री ने उनके विधिक अभिभावकों से बात की। उन्हें समझाया कि वह बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करें। उनकी परवरिश को लेकर बिल्कुल भी न घबराएं, सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।

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बेसहारा नहीं हैं निराश्रित बच्चे, सरकार है उनका सहारा : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड से जिन बच्चों ने माता-पिता को खोया है, वे बेसहारा नहीं हैं। सरकार ऐसे बच्चों का सहारा बन रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उनके पालन-पोषण से लेकर पठन-पाठन तक की जिम्मेदारी सरकार उठा रही है। ऐसे बच्चों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने कई प्रविधान किए हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अहम बिंदुओं की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना कमजोर हुआ है, खत्म नहीं, ऐसे में लापरवाही खतरनाक हो सकती है। हमें निरंतर सतर्क रहना होगा। सावधानी और बचाव बेहद आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीवन व जीविका बचाने का जो संघर्ष हुआ, उसके अपेक्षित व सकारात्मक परिणाम आए हैं।

अगले माह से बढ़ जाएगी वैक्सीन की संख्या

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण ही कवच है। देश में दो वैक्सीन पहले से हैं, अगले महीने तक कुछ और कंपनियों की भी वैक्सीन आ जाएगी। लोग कोरोना जांच से भागें नहीं, टीका जरूर लगवाएं क्योंकि तीसरी लहर से यही सबकी रक्षा करेगा।