नंबरगेम

- 30 रुपये से 40 रुपये में पहले बिकता था नारियल पानी

- 60 रुपये से 80 रुपये में बिक रहा नारियल पानी

- 70 लाख नारियल डेढ़ माह में बिक गये

- 2 दिन में एक आढ़ती के पास आता था पहले नारियल का ट्रक

- 16 ट्रक रोजाना नारियल का आ रहा इस समय

- पिछले साल की तुलना में इस बार 30 फीसद का बिक्री में आया उछाल

- रोजाना 16 ट्रक मंगवाया जा रहा है नारियल, फिर भी नहीं पूरी की जा पा रही डिमांड

- उड़ीसा, बंगाल, केरल, गुजरात से मंगवाया जा रहा नारियल

LUCKNOW: देश के समुद्र तटीय इलाकों में पैदा होने वाले नारियल पानी में वैसे तो सेहत का खजाना छिपा हुआ है, लेकिन इसकी डिमांड कोरोना काल में और भी अधिक बढ़ गई। इसकी वजह इसमें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तत्व हैं, जिसने महामारी के दौर में उसकी बिक्री सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना बढ़ा दी। आलम यह है कि सामान्य दिनों में एक नारियल पानी की कीमत जहां 30 रुपये से 40 रुपये हुआ करती थी वहीं, इस समय इसकी कीमत 60 रुपये से 80 रुपये पहुंच गई है। इतना ही नहीं इस समय यह मार्केट में काफी मशक्कत के बाद ही आपको मिलेगा, इसकी वजह दिन पर दिन बढ़ती इसकी डिमांड है। जानकारों की मानें तो पिछले डेढ़ माह में 70 लाख नारियल जिसकी कीमत 42 करोड़ है, की बिक्री हुई है। मंडी सचिव की मानें तो इस साल नारियल की बिक्री में करीब 30 फीसद की उछाल आई है।

बंगाल के नारियल की शहर में धूम

राजधानी में उड़ीसा और बंगाल से सबसे ज्यादा नारियल पानी मंगवाया जाता है क्योंकि यह दक्षिण भारत, महाराष्ट्र से सस्ता पड़ता है। इसकी वजह यह है कि यहां से नारियल मंगवाने पर ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम आता है। वहीं यहां के नारियल का साइज छोटा होता है, जिसमें 200 से 250 मिली लीटर तक ही होता है। वहीं दक्षिण भारत, महाराष्ट्र के नारियल का साइज बड़ा होता है, इसमें पानी की मात्रा औसतन 250 से 300 मिलीलीटर रहती है।

16 ट्रक नारियल की हो रही खपत

शहर में नारियल व्यवसाय से जुड़े कुल आठ बड़े आढ़ती हैं। इसमें गल्ला मंडी में छह, दुबगगा में एक और गोमती नगर में एक आढ़ती है। हालांकि मांग में आई उछाल को देखते हुए अन्य फल विक्रेता भी इस समय नारियल पानी, नींबू, माल्टा और कीवी की आपूर्ति करने लगे हैं। आम दिनों में एक आढ़ती के पास 2 दिन पर एक ट्रक नारियल की आवक आती थी जबकि इन दिनों प्रत्येक आढ़ती के पास रोजाना दो बड़े ट्रक से नारियल की आवक हो रही है। कारोबारी बताते हैं कि बड़े ट्रक में 15000 नग जबकि छोटी गाडि़यों पर 8000 से 10000 नग नारियल आता है। औसतन आठ आढ़तियों पर रोजाना 16 ट्रक नारियल की खपत वर्तमान में हो रही है।

साइज के अनुसार नारियल का रेट

खुदरा व्यापारी इन्हीं आढ़तियों से नारियल लेकर बाजारों में बेचते हैं। गैर कोरोना टाइम में जहां नारियल सौ नग 2200 से लेकर 2500 रुपए बिका करता था, वहीं अब इसकी कीमत बढ़कर 36 सौ से 4000 रुपए हो चुकी है। ऐसे में छोटे दुकानदार उन नारियल की छटनी करके छोटा बड़ा के हिसाब से 50 रुपए से लेकर 80 रुपए तक प्रति नग बेच रहे हैं।

इसलिए है नारियल पानी की ज्यादा डिमांड

- नारियल का सूखा हिस्सा हो या पानी वाली दोनों की सेहत के लिए कारगार है

- नारियल हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है

- इसमें पाया जाने वाला तत्व बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकता है

- एक नग नारियल में 200 से 300 मिली पानी होता है

- इसे लो कैलोरी ड्रिंक भी कहा जाता है क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है

- इसमें अमीनो एसिड, एंजाइम, बी कांप्लेक्स, विटामिन, विटामिन सी समेत कई तत्व पाये जाते हैं

यह हैं नारियल पानी के लाभ

- नारियल पानी पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है

- हाई बीपी को नियंत्रण में किया जाता है

- कोलेस्ट्रॉल और फैट फ्री होने से दिल के लिए अच्छा

- पोटेशियम मैग्नीशियम दिल और फेफड़े के लिए अच्छा

- नारियल पानी शरीर में पानी की मात्रा को मेंटेन करता है

- नारियल पानी हैंग ओवर से छुटकारा दिलाने में काफी कारगार है

- वजन घटाने में भी फायदेमंद है

- जिन्हे अक्सर सिर दर्द की समस्या रहती है उनके लिए काफी फायदेमंद है

बॉक्स

इनकी भी डिमांड है

वैसे तो इन दिनों बाजार में नारियल की खूब बिक्री हो रही है, लेकिन विटामिन सी की पूर्ति करने वाले फलों की भी खूब मांग हो रही है। इसमें कीवी, संतरा, माल्टा, नींबू, मौसम्मी जैसे फलों की बाजार में खूब मांग हो रही है। लखनवाइट्स यहां दवाइयों के जरिये अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर रहे हैं वहीं नेचुरल तरीके से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन फलों की भी खूब बिक्री कर रहे हैं।

कोट

अचानक डेढ़ दो महीने में नारियल की मांग में कई गुना अधिक बढ़ोतरी हुई है। हम जितना भी माल मंगवाते हैं, वह डिमांड अधिक होने की वजह से कम पड़ जाता है। इस समय ज्यादातर नारियल बंगाल से आ रहा है जोकि उड़ीसा के नारियल से सस्ता पड़ रहा है। शहर में ज्यादातर नारियल बंगाल का ही है। वैसे कई जगहों पर उड़ीसा, गुजरात और केरल के भी नारियल आ रहे हैं, लेकिन वह ज्यादा महंगा पड़ता है।

दीप चंद्र गुप्ता, फ्रूट एंड वेजिटेबल सप्लायर, सीतापुर रोड

कोट

सुबह हम सौ नारियल आढ़ती के यहां से लाते हैं। पहले जहां शाम तक यह नारियल बिकते थे, वहीं अब दोपहर में ही खत्म हो जाते हैं। मेरे पास पूंजी का अभाव है इसलिए रोज नारियल खरीद कर लाता हूं और वह बिक जाता हैं। आलम यह है कि आढ़ती के यहां भी जैसे ही ट्रक से माल उतरता है चंद मिनटों में ही उसकी बोली लग जाती है और खुदरा दुकानदार उसे खरीद ले जाते हैं।

मोनू निषाद, फुटकर विक्रेता, विश्वासखंड, गोमतीनगर

कोट

पिछले साल की तुलना में इस साल नारियल की डिमांड 30 फीसदी से अधिक हुई है। औसतन एक नारियल की कीमत 30 से 40 रुपये रहती थी वहीं इस समय इसकी कीमत में दो गुना का उछाल आया है।

संजय सिंह, सचिव मंडी समिति, लखनऊ

नारियल पानी में इतने विटामिन मिनरल्स एंटी ऑक्सीडेंट वगैरह पाए जाते हैं कि यह सिर्फ इम्यूनिटी ही नहीं बढ़ाता बल्कि कई तरह के बीमारियों में उपचार का काम भी करता है। इसमें कई तरह के साल्ट पाए जाते हैं। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है, जो जो शरीर के विभिन्न अंगों के लिए फायदेमंद होता है।

डॉ। श्रवण कुमार वर्मा, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल