लखनऊ (ब्यूरो)। दरअसल क्रिस्प के जरिए एनआईआरएफ रैकिंग के लिए चुने गए एलयू से सहयुक्त 16 कॉलेजों को शासन के निर्देश पर कौशल आधारित कोर्स इसी सत्र से शुरू करना था। आर्थिक समस्याओं के अलावा सहयुक्तता देने में और मांग के विपरीत अलग कोर्स देने की दिक्कतों के चलते कॉलेजों में इस सत्र से स्किल डिग्री कोर्स शुरू होने को लेकर संशय बना हुआ है।

अलॉट किया दूसरा कोर्स
कौशल डिग्री कोर्स में 16 कॉलेजों को बीबीए रिटेल, बीबीए लॉजिस्टिक, हेल्थकेयर, बीएससी टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी में कोर्स शुरू करने थे। नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने बताया कि इन कोर्सेज के लिए अलग अलग फीस है। हमारा कॉलेज छात्राओं का है ऐसे में हमने छात्राओं की रुचि के अनुसार बीबीए रिलेट शुरू करने की बात की थी। शासन की ओर से जो लिस्ट आई उसमें हमें बीबीए लॉजिस्टिक अलॉट किया गया। जब छात्राएं दाखिला ही नहीं लेंगी तो कोर्स कैसे चलेगा।

जल्दबाजी में लिया गया फैसला
कोर्स शुरू करने वाले चयनित कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि शासन की तरफ से लिस्ट आने पर लगा था कि सहयुक्तता में कुछ राहत मिलेगी। लेकिन सहयुक्तता का प्रॉसेस बहुत महंगा है। एडेड कॉलेज आर्थिक रूप से अक्षम है। इसके अलावा दाखिले की प्रक्रिया और सहयुक्तता को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उसमें जल्दबाजी की गई है। यही नहीं जब कॉलेजों में दाखिले का अंतिम चरण है ऐसे में दाखिले ले पाना भी कॉलेजों के लिए संभव नहीं है।

इन कॉलेजों ने किया आवेदन
- शिया पीजी कॉलेज
- करामत हुसैन गल्र्स डिग्री कॉलेज
- नेता जी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नाकोत्तर कॉलेज
- गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज
- दीन दयाल उपाध्याय राजकीय डिग्री कॉलेज