- सितंबर में दिल्ली शिफ्ट होने वाला था वाजपेयी परिवार

- शिफ्टिंग के लिये घर में चल रही थी सामान की पैकिंग

LUCKNOW:

नानामम्मी-भइया की तबियत बहुत खराब है, एंबुलेंस लेकर तुरंत घर आइयेदोपहर करीब सवा दो बजे एल्डिको, विभूतिखंड निवासी विजय मिश्रा को कॉल कर रेलवे बोर्ड के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजीव दत्त वाजपेयी की नाबालिग बेटी फूट-फूट कर रोने लगी। नातिन की यह बात सुनते ही विजय मिश्र के होश उड़ गए। उन्होंने फौरन इसकी सूचना दामाद आरडी वाजपेयी को दी। अनहोनी की आशंका में उन्होंने डीआरएम नॉर्दन रेलवे को इसकी सूचना दी। जिसके बाद आरपीएफ के अधिकारी आनन-फानन वाजपेयी के घर पहुंचे जहां का नजारा देख वे भी हैरान रह गये। उन्होंने आनन-फानन इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने जो खुलासा किया, उसे जिसने भी सुना सहम गया।

लंबे समय से थी डिप्रेशन में

नेशनल लेवल की शूटर आखिरकार हत्यारी कैसे बन गयी, यह बेहद गंभीर सवाल है। दरअसल, बेटी की डिप्रेशन की बीमारी को हल्के में लेना वाजपेयी परिवार की तबाही का सबब बन गया। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि राजीव दत्त वाजपेयी की इकलौती बेटी लंबे समय से डिप्रेशन की शिकार थी। बताया जाता है कि वह इससे पहले अपने हाथ की नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी है। हालांकि, तब समय रहते अस्पताल पहुंचने की वजह से उसकी जान बच गयी। लेकिन, इसके बाद भी उसकी इस बीमारी की गंभीरता को परिवार समझ नहीं पाया, जिसका खामियाजा मां और भाई को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

शिफ्टिंग की चल रही थी तैयारी

परिवार के करीबियों ने बताया कि राजीव दत्त वाजपेयी का एक साल पहले दिल्ली ट्रांसफर हो गया था। लेकिन, बच्चों की पढ़ाई की वजह से परिवार लखनऊ में ही रह रहा था। इस बार नया सेशन शुरू होने पर वाजपेयी ने बेटे सर्वदत्त वाजपेयी और बेटी का एडमिशन दिल्ली स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में करवा दिया था। बेटे का क्लास 11 और बेटी का क्लास 9 में एडमिशन हुआ था। जिसकी ऑनलाइन क्लासेज दोनों लखनऊ में रहकर ही कर रहे थे। बताया गया कि सितंबर में परिवार दिल्ली शिफ्ट होने वाला था। लिहाजा, मालिनी वाजपेयी अपने मायके के परिजनों के साथ मिलकर सामान की पैकिंग में जुटी हुई थीं।

बेटी ने ही रिसीव किया था कोरियर

जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सर्वदत्त ने एमेजॉन शॉपिंग साइट से कोई सामान खरीदा था। जिसका कोरियर शनिवार को उनके घर पहुंचा। इस कोरियर को बेटी ने ही रिसीव किया और उसे बिना खोले ही ड्राइंग रूम में रख दिया। इसी के बाद उसने इस घटना को अंजाम दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ड्रॉइंग रूम से यह सील्ड पार्सल भी बरामद किया है।

बेडरूम में उदास इमोजी बॉल की भरमार

जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हत्यारोपी बेटी किस कदर डिप्रेशन की गिरफ्त में थी, इसकी बानगी उसके बेडरूम में साफ दिखायी दी। उसने बेडरूम में ढेरों उदास इमोजी बॉल को लटकाया हुआ था। इसके अलावा दीवारों पर भी कई जगह पर निराशा भरी बातें लिखीं थीं।

शूटिंग में मिल चुके हैं कई इनाम

पारिवारिक करीबियों ने बताया कि हत्यारोपी बेटी नेशनल लेवल की शूटर है और उसे शूटिंग में कई इनाम मिल चुके हैं। इसके साथ ही शनिवार को मारा गया उसका भाई सर्वदत्त भी नेशनल लेवल का शूटर है और वह भी कई इनाम जीत चुका था।