लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप हैवी कॉमर्शियल कंज्यूमर हैैं और थ्री फेस कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे हैैं तो आपके ऊपर 30 हजार रुपये का अतिरिक्त भार आने वाला है। इसकी वजह यह है कि जब आप इस तरह का आवेदन करते हैैं तो आपको 16 केवीए का ट्रांसफॉर्मर का एस्टीमेट मिलना चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर का एस्टीमेट किया जा रहा है, जिसकी वजह से संबंधित उपभोक्ता की जेब ढीली हो रही है।

लंबे समय से समस्या

हैवी कॉमर्शियल कंज्यूमर्स को लंबे समय से इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जैसे ही वे लोग थ्री फेस कनेक्शन के लिए एप्लाई करते हैैं तो उन्हें नियमानुसार 16 केवीए का ट्रांसफॉर्मर मिलना चाहिए, लेकिन थ्री फेस 16 केवीए ट्रांसफॉर्मर न होने की वजह से कंज्यूमर्स को 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर दे दिया जाता है। जिसकी वजह से उपभोक्ता पर 30 हजार रुपये का अतिरिक्त भार पड़ता है। अगर उपभोक्ता को 16 केवीए का ट्रांसफॉर्मर दे दिया जाए तो साफ है कि उसका खर्च भी बच जाएगा।

खरीदी नहीं हो रही

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की माने तो पिछले लंबे समय से थ्री फेस 16 केवीए ट्रांसफॉर्मर की खरीदी नहीं हो रही है। जिसकी वजह से ही उपभोक्ता को 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लेना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परिषद अध्यक्ष की ओर से इस मामले को पावर कारपोरेशन के सामने भी उठाया गया है और मांग की गई है कि इस समस्या को दूर किया जाए। जिससे कंज्यूमर को उसकी डिमांड के अनुसार ही ट्रांसफॉर्मर उपलब्ध कराया जा सके।

पूरे प्रदेश में समस्या

उपभोक्ता परिषद की ओर से यह भी कहा गया है कि यह समस्या पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है। राजधानी लखनऊ की बात की जाए तो हर महीने दर्जनों आवेदन कॉमर्शियल कंज्यूमर्स की ओर से किये जाते हैैं। इनका लोड भार 14.5 किलोवॉट के आसपास होता है। इन कंज्यूमर्स की ओर से अपार्टमेंट्स, बड़ी शॉप, फैक्ट्री या सोसायटी डेवलप की जाती है, जहां हैवी लोड की आवश्यकता पड़ती है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि इस मामले से पॉवर कारपोरेशन को अवगत करा दिया गया है। मांग की गई है कि जल्द से जल्द थ्री फेस 16 केवीए ट्रांसफॉर्मर की उपलब्धता पर जोर दिया जाए, जिससे कंज्यूमर्स को राहत मिल सके।

31 मई तक आ सकती हैं नई दरें

उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल बिजली दर की आपत्तियों को लेकर पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों के अभियंताओं की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जा सका है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात की और कहा कि बिजली दरों में बढ़ोत्तरी किए जाने का कोई मतलब नहीं है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि किसी भी हाल में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती है। अब फैसला नियामक आयोग को करना है। पूरी संभावना है कि इस महीने के आखिरी में नई बिजली दरें सामने आ सकती हैैं।