लखनऊ (ब्यूरो)। गोमती नदी के मेहंदी घाट पर बना पीपे का पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है, यहां किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुल के मेंटीनेंस के लिए प्रस्ताव तो बना लेकिन अभी तक इस दिशा में काम नहीं शुरू हुआ। लोगों की मांग है कि इसका मेंटीनेंस कराया जाना चाहिए, जिससे लाखों लोगों को राहत मिल सके।

छह साल से जर्जर हालत में

मेहंदी घाट पर काफी पुराना लकड़ी का पुल बना हुआ है। पिछले छह सात साल से इसकी हालत खराब है। जगह-जगह लकड़ी के पट्टे टूट गए हैैं और उनके बीच में गैप हो गया है। जिससे इस पर चलना आसान नहीं है। पुल के नीचे लगे लोहे के एंगल भी जर्जर हो गए हैैं।

मेंटीनेंस की तुरंत जरूरत

लोगों की माने तो न चाहते हुए भी हजारों लोगों को इसी पुल से गुजरना पड़ता है। लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण या मेंटीनेंस कराया जाए और यहां प्रॉपर लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाए।

कई एरियाज कनेक्ट करता है पुल

यह पुल दाउद नगर, गौरा भीत, फैजुल्लागंज, घैला समेत कई क्षेत्रों को कनेक्ट करता है। गोमती के इस पार या उस पार जाने के लिए लोगों को इसी पीपे के पुल का सहारा लेना पड़ता है। जो लोग इस पुल से नहीं आते जाते हैैं, उन्हें छह से आठ किमी घूमकर जाना पड़ता है। यहां प्रॉपर पुल के बन जाने से चौक, ठाकुरगंज आदि क्षेत्रों से पुरनिया एवं आईआईएम रोड इत्यादि क्षेत्र में आना जाना आसान हो जाएगा।

बोले लोग

लंबे समय से पुल जर्जर हालत में है। जिसकी वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उम्मीद है कि जल्द मेंटीनेंस का काम शुरू होगा।

-ममता त्रिपाठी

पुल से गुजरने के दौरान खासी सावधानी बरतनी पड़ती है। पुल पर लगे लकड़ी के पट्टïे जगह-जगह टूट चुके हैैं, जिसकी वजह से हादसा होने का खतरा बना रहता है।

-आशा मौर्या

अगर पुल का मेंटीनेंस हो जाए या नया पुल बन जाए तो निश्चित रूप से हजारों लोगों को खासा फायदा मिलेगा। इसके साथ ही कई एरिया सीधे कनेक्ट होंगे।

-राजेश मिश्रा

लंबे समय से पुल जर्जर हालत में है। स्थिति इतनी खराब है कि पुल से पैदल गुजरने वाले लोगों को भी खासी सावधानी बरतनी पड़ती है। इसका मेंटीनेंस तुरंत कराया जाए।

-धर्मेंद्र तिवारी

पुल के मेंटीनेंस के लिए प्रस्ताव तैयार भी कराया जा चुका है लेकिन अभी तक मेंटीनेंस की दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है। जल्द से जल्द मेंटीनेंस कराए जाने की जरूरत है।

-अखिलेश अवस्थी