लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को एक क्यूआर कोड लॉन्च किया। इस कोड के जरिए स्टूडेंट्स काउंसलिंग सेल और हैप्पी थिंकिंग लैब से संपर्क कर सकते हैं। स्टूडेंट्स को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा और अपनी समस्या को मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के साथ साझा करनी होगी। समस्या के प्रकार के आधार पर स्टूडेंट को शुरुआती स्तर पर परामर्श के लिए समय और संकाय या विशेषज्ञ आवंटित किया जाएगा। इस पहल को एलयू की डीएसडब्ल्यू व हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी और काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल के साथ शुरू किया गया है। एलयू के कुलपति प्रो। आलोक कुमार राय ने शिकायत निवारण और भावनात्मक रखरखाव को देखते हुए इस पहल की सराहना की है। उनके मुताबिक, इस पहल के जरिए स्टूडेंट्स को अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को आसानी से व्यक्त करने और मार्गदर्शन हासिल करने में मदद मिलेगी।

छात्र कल्याण की जरूरत पर जोर
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर संगीता साहू ने के मुताबिक, इस तकनीक के इस्तेमाल से सकारात्मक शिक्षण, सीखने के माहौल के लिए छात्र कल्याण की तत्काल जरूरत पर जोर दिया गया है। यह मंच स्टूडेंट्स को मदद पहुंचाने और अपने मुद्दों को गुप्त रखने में सुविधा देगा। हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी की निदेशक प्रो। एम। प्रियदर्शिनी, काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल की निदेशक डॉ। वैशाली सक्सेना, संस्थापक निदेशक और तकनीकी विशेषज्ञ हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी, प्रो। मधुरिमा प्रधान इस परामर्श प्रणाली के कामकाज को सुविधाजनक बनाएंगी। इस पहल में अलग-अलग मुद्दे शामिल हैं जैसे जीवन में उत्साह, खुशी और खुशी की कमी, चिंता, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, क्रोध का बढ़ना, उदासी, बेबसी, पढ़ाई में अरुचि और एकाग्रता की कमी, लोगों से मिलने में रुचि कम होना, जीवन से निराश, आत्महत्या करने के विचार वगैरह। एलयू में इस पहल को बढ़ावा देने के लिए मुख्य और सेकंड कैम्पस में जगह-जगह बोर्ड लगाए जा रहे हैं।