लखनऊ (ब्यूरो)। यह दो सवाल तो सिर्फ बानगी हैं। कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच जहां कोविड टीकाकरण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन को लेकर अभी लोगों के मन में कई सवाल हैं। लोग कोविड हेल्प लाइन पर अपनी दुविधाएं दूर करने के लिए फोन कर रहे हैं। कई गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ में पल रहे शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए फोन कर जानकारी मांग रही हैं। डॉक्टर और मनोचिकित्सक उन्हें बता रहे हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।

डरने की जरूरत नहीं

डॉ सुनील पांडेय, स्टेट नोडल मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन को लेकर चिंतित रहती हैं। जबकि कोरोना से घबराने की नहीं सतर्क, सचेतऔर जागरूक रहने की जरूरत है। घबराने से गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे शिशु का विकास भी बाधित होता है। स्वास्थ्य समस्या आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से परामर्श लें और मानसिक समस्याओं के लिए जनपद स्तर के मानसिक रोग अधिकारी से संपर्क करें। वहीं, डॉ अजय घई, राज्य टीकाकरण अधिकारी बताते हैं कि कोविड वैक्सीन पूरे तरह सुरक्षित है। कोरोना से बचने के लिए कोविड प्रोटोकाल अपनाना और कोविड टीकाकरण एक बेहतर विकल्प है।

सावधानी बरतनी है

क्वीन मेरी की डॉ एसपी जैसवार के मुताबिक की यह कोई जरूरी नहीं कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती के शिशु को भी कोरोना होगा। खासकर जब तक वह पेट में है। कोविड जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझावों का पालन करेंं। यदि मां कोविड पॉजिटिव है या रह चुकी है तब भी उसको स्तनपान कराना है। बस साफ-सफाई का ध्यान देते हुए मास्क लगाकर ही स्तनपान कराना है। ध्यान रखें कि बच्चे पर किसी प्रकार की छींक या खांसी की ड्रॉपलेट न जाए।

गर्भवतियों में डर का कारण

- वैक्सीन से कहीं गर्भ में पल रहे बच्चे पर असर न पड़ जाए

- बाकी दवाएं चलने के कारण कहीं साइड इफेक्ट न हो जाए

गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन को लेकर चिंतित रहती हैं। जबकि कोरोना से घबराने की नहीं सतर्क, सचेतऔर जागरूक रहने की जरूरत है।

डॉ सुनील पांडेय, स्टेट नोडल मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी

यह जरूरी नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती के शिशु को भी कोरोना होगा। कोरोना से बचने के लिए चिकित्सक के संपर्क में रहना जरूरी है।

डॉ एसपी जैसवार, क्वीन मेरी