- सभी पॉलीटेक्निक में एक साथ स्टूडेंट्स को दिए गए मेडल और डिग्रियां
- हीवेट पॉलीटेक्निक में स्टूडेंट्स को डिग्री के साथ मिला नियुक्ति पत्र
LUCKNOW :
प्राविधिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर सोमवार को राजधानी के तीन राजकीय और दो सहायता प्राप्त संस्थाओं में एक साथ दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। राजकीय पॉलीटेक्निक में दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मेयर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद रहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज इस समारोह में एक मां के रूप में आई हूं। एक मां अपने बच्चों को आगे बढ़ता देखकर कितनी खुश होती है, उसका एहसास मुझे हो रहा है। प्रिंसिपल डॉ। आरके सिंह ने बताया कि 13 ट्रेड के मेधावियों को पदक दिए गए और 400 स्टूडेंट्स को डिप्लोमा प्रदान किया गया।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
अंकुर दुबे, आशुतोष वाष्र्णेय, नीतू, अंकित, शशि भूषण, मनाली, कविता, शशांक, ऋचा, सुखेंद्र, योगेश, सौम्या और अरशद।
इन्हें मिला सिल्वर मेडल
अमृता, वीरेंद्र, स्नेहा, सुभाष, अंकिता, संध्या, ज्योति, मुकेश, स्वीटी, दिव्या, प्रियंका, अंकुर व हंसिका।
इन्हें मिला ब्रांज मेडल
प्रांजल गुप्ता, लवकुश, नितेश, प्राची, सुधीर, जयकुमार, गौशिया, शिवम, पीयूष, प्रिंस, ज्योत्सना, अजीत व सोनाली।
राजकीय महिला पॉलीटेक्निक
फैशन शो के बीच सम्मान
राजकीय महिला पॉलीटेक्निक में फैशन शो के बीच मेधावियों का सम्मान किया गया। यहां बतौर मुख्य अतिथि शामिल प्राविधिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष विद्या सागर गुप्ता ने मेधावियों को सम्मानित किया। यहां 300 छात्राओं को डिप्लोमा दिया गया।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
अमृता पांडेय, इसरत जहां, नादिया, प्रिया गौतम, प्रिया, दीपिका रेशमा, कविता, अपर्णा, राजकन्या, वारिसा, राधा, अर्पिता, निरुपमा सिंह, दीक्षा त्रिपाठी, शना फातिमा, श्रृष्टि चौहान और महिमा।
लखनऊ पॉलीटेक्निक
स्वाति सिंह ने किया मेधावियों का सम्मान
लखनऊ पॉलीटेक्निक में महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह ने मेधावियों का सम्मान किया। प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह ने बताया कि यहां 300 से अधिक स्टूडेंट्स को डिप्लोमा दिए गए हैं।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
निपुण, राजनंदनी, दिपांशु और स्मिता
इन्हें मिला सिल्वर मेडल
अलीम, कृष्ण कुमार, हरिनाथ और यमुना
इन्हें मिला ब्रांज मेडल
सोहन लाल, राजेंद्र यादव, राम बचन व विनोद।
गोविंद बल्लभ पंज राजकीय पॉलीटेक्निक
100 छात्रों को मिला डिप्लोमा
मोहान रोड स्थित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय पॉलीटेक्निक में हुए दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए उप निदेशक समाज कल्याण श्री निवास द्विवेदी ने मेधावियों को डिप्लोमा और मेडल प्रदान किए।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
शुभम, रितीश और धीरज
इन्हें मिला सिल्वर मेडल
रोहित, राजन और प्रवीन
इन्हें मिला ब्रांज मेडल
शालिनी, धीरचंद्र और मुहम्मद राशिद
हीवेट पॉलीटेक्निक
डिप्लोमा के साथ जॉब की सौगात
हीवेट पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा के साथ 20 मेधावियों को नौकरी की सौगात दी गई। बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए इस दौरान आरडीएसओ के अपर महानिदेशक अशोक कुमार मिश्रा ने उन्हे डिप्लोमा के साथ नियुक्ति पत्र दिया। इस दौरान प्राविधिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव एसएस अग्निहोत्री, प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ। सुधाकर अस्थाना, सदस्य राजेश कुमार और प्रधानाचार्य डॉ। यूसी वाजपेयी मौजूद रहे। यहां 150 से अधिक को डिप्लोमा दिया गया। दो पूर्व छात्रों राकेश चंद्र शुक्ला एवं प्रशांत गुप्ता को सम्मानित भी किया गया।
आर्थिक तंगी से डिग्री में प्रवेश नहीं मिला तो डिप्लोमा किया। रोबोटिक्स में नाम कमाना सपना है। इसरो और डीआरडीओ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ कर देश सेवा करनी है।
- शशांक उपाध्याय, टॉपर 83.34 प्रतिशत मार्क्स
पिता किसान है, इंजीनियर बनना सपना है इसलिए पहले डिप्लोमा किया। अब पैसे कमाकर डिग्री हासिल कर देश सेवा करूंगी।
- नीतू पटेल, टॉपर 83.39 प्रतिशत मार्क्स
पिता शिक्षक है, डिप्लोमा में कम उम्र पर ही आप कामयाबी की मंजिल पर पहुंच जाते हैं और सपने साकार कर सकते हैं। इसलिए डिप्लोमा को चुना है।
- शशि भूषण शुक्ल, ब्रांच टॉपर 82.03 प्रतिशत मार्क्स
आर्थिक तंगी से इंजीनियर नहीं कर पाई। लेकिन, अब पिता का साथ दे सकती हूं। आगे इंजीनियरिंग कर देश की सेवा करनी है। आईआईटी करना सपना है।
- सौम्या वर्मा, ब्रांच टॉपर 81.65 प्रतिशत मार्क्स
ब्रांड एम्बेसडर सम्मानित
आर्किटेक्ट में जॉब को लेकर छात्रों को चिंतित होने की जरूरत नहीं। इस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं कम हैं। छात्रों को योजना बनाकर ट्रेनिंग कर अपना काम करना चाहिए। थंब रूल से 20 साल पहले मकान तैयार होते थे, लेकिन आज ग्रामीण क्षेत्रों में आर्किटेक्ट की मदद से घर बन रहे हैं।
- किशन कुमार सिंह, आर्किटेक्ट
आज कंप्यूटर का जमाना है लेकिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, छात्र शिक्षित हो रहे हैं लेकिन कौशल की कमी है। प्रस्तुतीकरण और रिसर्च पेपर का काम नहीं हो रहा है। ओपन बुक परीक्षा होनी चाहिए, इससे छात्रों का हुनर बाहर निकल कर आएगा।
- विनोद कुमार सिंह
अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत मॉनिटरिंग सेल
आर्थिक तंगी से जूझने के चलते आगे की पढ़ाई रुक गई। अब नौकरी कर परिवार की मदद करना है। एक कामयाब उद्यमी बनना सपना है।
- सना फातिमा, प्रदेश व कॉलेज टॉपर 89.32 प्रतिशत मार्क्स
पिता के बाद चाचा ने परिवार की जिम्मेदारी ले रखी है, अब मेरी बारी है। स्टेनोग्राफर बन गरीबों की सेवा करना चाहती हूं।
- रंजना मौर्या, ब्रांच टॉपर 89.12 प्रतिशत मार्क्स
सरकारी नौकरी कर घर को सपोर्ट करना है और छोटे भाई की जिम्मेदारी के साथ संस्था चलाकर लोगों की मदद करना सपना है।
- गरिमा मिश्रा, ब्रांच टॉपर 89.07 प्रतिशत मार्क्स
इसरो और डीआरडीओ जैसी संस्थाओं के साथ काम कर देश सेवा करना चाहती हू् आगे की तैयारी जारी है।
- प्रिया गौतम, ब्रांच टॉपर 85.5 प्रतिशत मार्क्स
खेती किसानी के बीच पिता ने दोनों भाइयों को पढ़ाया। बड़े भाई के सहयोग से टॉपर सूची में आने का सपना साकार हुआ। इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज में जाकर देश सेवा करना है।
- विजय सिंह, टॉपर
डिप्लोमा पूरा होने के बाद स्नातक की पढ़ाई कर व्यवसाय करना है। माता-पिता के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया। अब अपने काम से उनको सम्मान दिलाना चाहती हूं।
- कीर्ति रॉय, टॉपर।