- इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परिवार संग ही मनाई जाएगी ईद

LUCKNOW : पहले लोग ईद पर एक-दूसरे के घर जाते थे और गले मिलकर उन्हें ईद की बधाई देते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते ईद पूरी तरह बदले अंदाज में मनाई जाएगी। रोजेदार इसके लिए पूरी तरह तैयार हो गए हैं। उनका कहना है कि यह समय लोगों की मदद करने का है, इसलिए वे ईद पर बेवजह के खर्चे न करके उस रकम से गरीबों की मदद करेंगे, ताकि उनकी ईद भी खुशियों वाली हो जाए

नहीं होगी कोई पार्टी

पहले ईद पर 600 से ज्यादा लोग आते थे, जिनके लिए बावर्ची से खाना बनवाया जाता था। पार्टी होती थी, जिसकी रौनक पूरे साल याद रहती थी। इस बार लॉकडाउन है, जिससे यह सब नहीं हो पाएगा। परिवार के साथ ही बेहद सादगी से ईद मनाई जाएगी। सेवइयां और अन्य आइटम तो होंगे लेकिन उनकी क्वांटिटी काफी कम होगी। घर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। हमें गरीबों के बारे में भी सोचना है। आगे जब सब सही होगा तो शानदार पार्टी का आयोजन किया जाएगा।

अस्मा हुसैन, फैशन डिजायनर

सादगी से मनेगी ईद

इसबार पूरा परिवार सादगी के साथ ईद मनाएगा। इस बार हमने कोई शॉपिंग नहीं की है। वह पैसा हम गरीबों को देंगे। कोविड.19 के फैलते खतरे के बीच में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। नमाज भी घर पर ही होगी। सिर्फ सेवइयां बनाकर ही ईद मनाएंगे। लोगों से भी अपील है कि जितना हो सके गरीबों की मदद करे। इस प्राब्लम से आज बच जायेंगे तो आगे अच्छे से पार्टी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कर सकेंगे।

डॉ। नुजहत हुसैन, डीन ऑफ इंस्टीट्यूट लोहिया संस्थान

नहीं होगी कोई पार्टी

हर साल ईद पर धूमधाम के साथ पार्टी करते थे। दोपहर से दोस्तों और रिश्तेदारों का आना लगा रहता था। बच्चे ईदी पाकर तो बाकि लोग सेवइयां और अन्य पकवान खाकर खुश होते थे। इसबार ऐसा कुछ नहीं होगा। हम लोग परिवार के साथ सादगी के साथ ईद मना रहे हैं। वहीं जो पैसा पार्टी करने में खर्च करते थे उससे गरीबों की मदद करने का काम कर रहे हैं। इसबार हमें गरीबों और जरूरतमंदों के बारे में सोचना होगा, जो इस समय काफी परेशान हैं।

कामरान, बिजनेसमैन

गरीबों का दर्द दूर करें

कोरोना की वजह से लॉकडाउन है और ईद बेहद सादगी से मनाई जाएगी। कोई पार्टी या अन्य खर्च नहीं किया जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में सभी से यहीं अपील कर रही हूं कि जो ईदी या नये कपड़े खरीदने पर पैसे खर्च करते थे उन पैसों को इन गरीबों को देकर उनकी मदद करें। अपने स्तर से कपड़े, खाना, राशन व अन्य सामान जो हो सके देने का काम करें।

कमर रहमान, साइंटिस्ट