लखनऊ (ब्यूरो)। बलरामपुर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में आंखों के ऑपरेशन के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। आरोप तो यहां तक लगते रहते हैं कि यहां बिना वसूली के मरीजों की आंखों का ऑपरेशन नहीं किया जाता है। इस पूरे खेल में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से लेकर डॉक्टर तक शामिल हैं। यही नहीं, यहां कुछ मरीजों की ऑपरेशन के बाद आंखों की रोशनी तक जा चुकी है। हैरानी की बात तो यह है कि इसकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है, लेकिन उनकी ओर से इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।

कई लोग कर चुके हैं शिकायत

सरोजनी नगर निवासी बुजुर्ग रामजीत यादव यहां होने वाली वूसली की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर तमाम बड़े अफसरों तक से कर चुके हैं। इसके अलावा सीतापुर रोड स्थित पलटन छावनी निवासी असरफ अली के बेटे 45 वर्षीय राजू की आंख का ऑपरेशन यहां किया गया जिसके बाद उसकी आंख की रोशनी नहीं आई। जब उन्होंने इसकी शिकायत डॉक्टर से की तो उसे कुछ दवाएं लिख दी गई और कहा गया कि वह ये दवाएं कुछ माह खाए। इसके बाद इस मरीज को भी वहां से चलता कर दिया गया। इसके अलावा आंखें के ऑपरेशन को लेकर कई अन्य शिकायतें भी आई हैं, जिन पर सुनवाई नहीं हो रही है।

लंबे समय से चल रहा खेल

बलरामपुर अस्पताल प्रशासन से इन सभी मामलों की शिकायतें की जा चुकी है लेकिन उनकी तरफ से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एक्शन का आश्वासन शिकायतकर्ता को दे दिया जाता है, लेकिन होता कुछ नहीं है। अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ऑपरेशन, लेंस और चश्मा बनवाने के नाम पर भी लंबे समय से खेल चल रहा है। जिसका सर्वाधिक शिकार दूर-दराज के एरिया से आने वाले गरीब मरीज हो रहे हैं।

इस मामले को लेकर एचओडी से आख्या मांगी गई है। इसके साथ ही विभाग के सभी डॉक्टरों की कार्यशैली की छानबीन की जाएगी।

-डॉ। रमेश गोयल, निदेशक बलरामपुर अस्पताल