लखनऊ (ब्यूरो)। इन सभी मामलों में सामने आया कि कपल द्वारा आपराधिक वारदातों को अंजाम जरूरत, शौक और लालच के चलते दिया गया। ये लोग शॉर्ट कट से पैसा कमाने के चलते वारदातों को अंजाम दे रहे थे।

जहरखुरानी कर लूटते थे
कुछ दिन पूर्व कन्नौज निवासी अंकिता और उसके पति इटावा निवासी अमित को अंबेडकर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। इन्होंने 27 मार्च को कारोबारी हरि मोहन की तरह ही सीए नागेंद्र सिंह को अपना शिकार बनाया था। आरोपी महिला उनसे चेन, अंगूठी और सोने का कड़ा लूट ले गई थी। अंकिता ने जेएनएम और अमित ने बीए किया है। वे लव मैरिज करने के बाद दो साल से बंथरा में रह रहे थे। ये फेसबुक पर पैसे वाले लोगों को तलाशते थे और फिर अंकिता उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती थी। बातचीत शुरू होने पर वह मूवी देखने के बहाने लोगों को बुलाती थी और फिर जहरखुरानी की घटना को अंजाम देती थी। घटना के समय पति बाहर मौजूद रहता था। लूटे गए जेवरात को अमित बेच देता था।

रची किडनैप की फर्जी कहानी
माल के रानी पारा गांव निवासी आशीष रावत एक तिलक समारोह में गया और गायब हो गया। उसने बहन को एक वीडियो बनाकर भेजा, जिसमें वह रस्सी से बंधा था। बहन को बताया गया कि उसका किडनैप हो गया है और एक लाख रुपए की डिमांड की गई। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को उसकी लोकेशन रामपुर मजरा गांव के पास मिली। पुलिस वहां पहुंची तो वहां वह अपनी प्रेमिका मुन्नी के साथ था। पूछताछ में उसने बताया कि उसने प्रेमिका को शॉपिंग कराने के लिए किडनैपिंग का नाटक किया था। दोनों को को गिरफ्तार कर लिया गया।

नौकरी गई तो करने लगे लूट
हजरतगंज पुलिस ने ऐसे दंपत्ति को गिरफ्तार किया जो युवतियों के मोबाइल फोन को लूटते थे। इनके निशाने पर मार्निंग वॉक पर निकले लोग रहते थे। पति गणेशगंज निवासी तुषार प्रजापति स्कूटी से मोबाइल लूटता था और उसके बाद पत्नी संग मिलकर उसे बेचता था। इनके पास से लूट के 8 मोबाइल फोन पुलिस को मिले हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे कपड़े की एक दुकान में काम करते थे। कोरोना काल में नौकरी गई तो वह लूट करने लगे।