- प्रशासन ने 90 अस्पतालों की जारी की थी लिस्ट

- सभी ने इलाज करने से कर दिया मना

रुष्टयहृह्रङ्ख : मेरे अस्पताल में केवल एक वेंटिलेटर और करीब 20 बेड हैं। प्रशासन ने इसे कोविड के इलाज के लिए अधिकृत कर दिया है, लेकिन अस्पताल को एक भी ऑक्सीजन का सिलिंडर नहीं दिया गया है। अगर मरीज भर्ती कर भी लें तो फिर आक्सीजन कहां से आएगी। ऑक्सीजन नहीं मिली तो मरीज की जान चली जाएगी। यह कहना है कि कुर्सी रोड स्थित पूजा अस्पताल के डायरेक्टर आशुतोष का।

अब मरीज भटक रहे

शहर के लगभग सभी निजी अस्पतालों के संचालकों ने इसी तरह कोरोना इलाज को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने कागज पर तो अस्पतालों की सूची तैयार कर जारी कर दी, पर निजी अस्पताल संचालकों ने संसाधनों के अभाव में इलाज करने से मना कर दिया। कागज पर बने कोविड अस्पतालों के सामने बेबस मरीज इलाज की आस में अपनों को लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं। राजधानी में लगातार बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए प्रशासन ने गत दिनों 90 अस्पतालों की सूची यह कहते हुए जारी की थी कि यहां पर उन मरीजों को इलाज मिलेगा, जिनके लक्षण तो कोविड की तरह हैं, लेकिन रिपोर्ट का इंतजार है। आदेश में यह भी कहा गया था कि अस्पताल संचालक ऐसे मरीजों का इलाज तब तक करेंगे जब तक कमांड कंट्रोल सेंटर से उनको किसी कोविड अस्पताल में रेफर नहीं किया जाता। डीएम के आदेश के बावजूद निजी अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करना शुरू नहीं किया है। मरीज अस्पतालों के बाहर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अस्पताल भर्ती नहीं कर रहे हैं। प्रशासन और अस्पतालों के बीच मरीज पिस रहे हैं।

नाम मात्र की ऑक्सीजन सप्लाई

रायबरेली रोड स्थित राजस्थानी हॉस्पिटल में पिछले चार-पांच दिनों से ऑक्सीजन की सप्लाई नाम मात्र की हो रही है। यहां के संचालक ने बताया कि 30 से 40 सिलिंडर की खपत रोजाना होती थी, अब तो एक-दो मिल जाएं तो बड़ी बात है, इसीलिए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। स्कोप हॉस्पिटल का भी यही हाल है। यहां के संचालक अनुराग मिश्रा का कहना है किऑक्सीजन की किल्लत है, जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रायबरेली कल्ली पश्चिम स्थित विद्या हॉस्पिटल के संचालक विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि 20 से अधिक कोविड के मरीज भर्ती हैं, ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो रही है। कई बार विभाग को कहा भी गया पर ऑक्सीजन पूरी मात्रा में भेजी नहीं जा रही। वृंदावन कॉलोनी सेक्टर तीन स्थित पल्स हॉस्पिटल के संचालक वीरेंद्र यादव ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल होने के बावजूद भी यहां पर ऑक्सीजन की सप्लाई काफी कम हो पा रही है, जिसके चलते मरीजों को भर्ती करने में असमर्थ हैं। अगर यही आलम रहा तो आइसीयू के साथ-साथ अस्पताल में भी ताला डालना पड़ सकता है।

कोट

हमको कल ही आदेश मिला है। इतनी जल्दी क्या कर सकते हैं। देखते हैं क्या बेहतर हो सकता है। इससे अधिक जानकारी तो आपको डा.राकेश कपूर ही दे पाएंगे।

आलोक कुमार, मेदांता अस्पताल

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चंदन अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का कोई आदेश अब तक नहीं है।

फारुख अंसारी, चंदन अस्पताल