80 टीपीडी क्षमता होगी बॉयो प्लांट की

5 लाख 38 हजार कुल भवन स्वामी

40 फीसदी गीला कूड़ा निकलता डेली

- कान्हा उपवन के पास लगाया जाएगा 80 टीपीडी क्षमता का बायो प्लांट

LUCKNOW (23 Jan)

कुछ दिन का इंतजार, फिर सड़क पर न तो गीला कूड़ा नजर आएगा न ही गोबर। इसकी वजह यह है कि निगम की ओर से गोबर और गीले कूड़े की मदद से सीएनजी बनाने के लिए बायो प्लांट लगाने की तैयारी शुरू की गई है। प्लांट लगाने के लिए पीपीपी मॉडल पर आरएफपी मांगा गया है।

कान्हा उपवन के पास प्लांट

जानकारी के अनुसार, निगम की ओर से कान्हा उपवन के पास प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसकी क्षमता करीब 80 टीपीडी के करीब होगी। पहले इस प्लांट के लिए जगह तलाशी जा रही थी लेकिन अब कान्हा उपवन के पास इसे फाइनल किया गया है।

फरवरी में एजेंसी

फरवरी में चयनित एजेंसी इस प्लांट की स्थापना व संचालन करेगी। नगर निगम का दावा है कि इससे उसे 25 से 30 लाख रुपये की आय होगी। निजी एजेंसी राजस्व शेयरिंग मॉडल में निवेश करेगी। जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र और फिरोजाबाद की तीन कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है।

मार्च से काम शुरू

निगम अधिकारियों की माने तो फरवरी के अंत तक प्लांट लगाने समेत अन्य जरूरी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इसके बाद मार्च 2020 से प्लांट काम करना शुरू कर देगा।

घरों से निकलता गीला कूड़ा

शहर में 5 लाख 38 हजार भवन हैं। ओवरऑल बात करें तो डेली 40 फीसदी गीला कूड़ा घरों से निकलता है। जिसे शिवरी प्लांट भेजा जाता है लेकिन इसका प्रॉपर प्रोसेस नहीं हो पाता है। नया बॉयो प्लांट लगने से काफी बदलाव देखने को मिलेंगे।

उपवन से मिलेगा गोबर

कान्हा उपवन से डेली हजारों किलो गोबर निकलता है। अभी इस गोबर की मदद से खाद बनाने का काम होता है। जब प्लांट स्थापित हो जाएगा तो उस प्लांट में गोबर का यूज किया जाएगा।

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इस तरह बनेगी सीएनजी

निगम अधिकारियों की माने तो गोबर और गीले कूड़े की मदद से सीएनजी तैयार होगी। चयनित कंपनी के विशेषज्ञ सीएनजी तैयार करेंगे। बॉयो प्लांट से यह काम आसान होगा। भविष्य में इसका फायदा लोगों को भी मिलेगा।

वर्जन

कान्हा उपवन के पास प्लांट स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। गीले कूड़े और गोबर की मदद से सीएनजी बनेगी।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त