लखनऊ (ब्यूरो)। शहर के युवाओं में विदेश में पढ़ने और नौकरी करने का क्रेज बढ़ रहा है। इस साल एकेटीयू व लखनऊ यूनिवर्सिटी से कई स्टूडेंट्स ने बाहर का रुख किया है। दोनों यूनिवर्सिटी में ट्रांसक्रिप्ट बनवाने वाले स्टूडेंट्स की तादाद बढ़ी है। एक तरफ जहां एलयू से अगस्त तक 179 स्टूडेंट्स को ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई है। वहीं, एकेटीयू में जनवरी से लेकर अब तक यह संख्या 516 है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों की माने तो कोविड के बाद ट्रांसक्रिप्ट बनवाने को लेकर स्टूडेंट्स में तेजी देखी जा रही है।

कनाडा बना पहली पसंद

ट्रांसक्रिप्ट बनवाने वालों की पहली पसंद कनाडा है। एकेटीयू के प्रवक्ता डॉ। पवन कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस साल एकेटीयू में 516 स्टूडेंट्स को ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई हैं। इनमें से 399 ने कनाडा को अपनी पहली पसंद बनाया है। फरवरी में यह संख्या 255 के करीब थी। उनका कहना है कि कनाडा को पसंद करने के पीछे एक बड़ी वजह जॉब्स की संभावनाओं के साथ एजुकेशन पॉलिसी की फ्लेक्सिबिलिटी भी है। ऐसे में स्टूडेंट्स कनाडा को अधिक पसंद करते हैं। एलयू के विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रांसक्रिप्ट के लिए अप्लाई करने वालों में कनाडा से लेकर यूएसए, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया आदि देश शामिल हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रांसक्रिप्ट बनवाने वाले स्टूडेंट्स में लड़कियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

ट्रांसक्रिप्ट है जरूरी

विदेशों में नौकरी से लेकर वीजा, किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश और निवास के लिए ट्रांसक्रिप्ट की जरूरत होती है। यह एक दस्तावेज है जिसमें स्टूडेंट की शैक्षिक योग्यता की जानकारी होती है। इसके अलावा स्टूडेंट के ग्रेड, मार्क्स समेत अन्य अकेडमिक जानकारी होती है। यह स्टूडेंट इसके जरिए नौकरी, शिक्षा और स्कॉलरशिप पा सकता है।

एलयू ने शुरू की ऑनलाइन प्रक्रिया

एलयू ने ट्रांसक्रिप्ट के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपना ली है। स्टूडेंट ऑनलाइन अप्लाई करके एक हफ्ते में ट्रांसक्रिप्ट पा सकते हैं। वहीं एकेटीयू के प्रवक्ता डॉ। त्रिपाठी ने बताया कि टांसक्रिप्ट के लिए छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की तिथि से एक-दो दिन में ही ट्रांसक्रिप्ट जारी कर दी जाती है। ट्रांसक्रिप्ट छात्र को हाथों हाथ भी दी जाती है।