- नौकरी जाने के बाद कई बेरोजगार युवा ने धोखाधड़ी और चोरों को दिया अंजाम

- कई तो जिस कंपनी में करते थे काम उसी को लगाया लाखों का चूना

LUCKNOW: कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में कई लोग बेरोजगार हो गए। उन्हें पटरी पर वापस लाने के लिए सरकार लगातार स्कीम चला रही है। हालांकि कुछ यूथ ऐसे भी थे जिन्होंने नौकरी छूटने के बाद क्राइम की एबीसीडी पढ़ने का प्रयास किया। ऐसे में जल्द ही वह न केवल सलाखों के पीछे पहुंच गए बल्कि उनके कैरियर पर भी दाग लग गया। चंद पैसों के लालच में वह कंपनी के लूपोल्स का फायदा उठाकर गलत तरीके से रुपये कमाने लगे थे।

केस नंबर एक

अपने खाते में मंगा लेता था रकम

उरई, जालौन निवासी मोहित प्रजापति वह मूलरूप से राजगढ़ मध्य प्रदेश का रहने वाला है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने दिल्ली में एक्सिस बैंक में बतौर बिजनेस डेवलपमेंट एक्सक्यूटिव के पद पर लगभग 6 माह काम किया। उसके बाद अमेजॉन कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम किया। लॉकडाउन में नौकरी चली गई। अमेजॉन कंपनी के कार्यप्रणाली से परिचित होने के कुछ दिन बाद आईडी का दुरूपयोग कर वर्चुअल प्रोडक्ट को बुक कर वर्चुअल डिलीवरी कर धनराशि अपने खातों में मंगा लेता था। अधिक धन कमाने के लिए वह ऐसे प्रोडक्ट बुक करता था, जिनकी कीमत अधिक हो और जिन्हें कंपनी को वापस करने में कठिनाई न हो जैसे पीतल, तांबा, के बर्तन व मूर्ति। इस प्रकार की धोखाधड़ी में उसने बैंक ऑफ इंडिया व एक्सिस बैंक का उपयोग किया। अब तक उसने लगभग 600 प्रोडक्ट बुक कर अमेजॉन कंपनी के साथ धोखाधड़ी की है। सभी धोखाधड़ी को मिलाकर लगभग उसने 15-20 लाख रूपये कमाये। अब मोहित सलाखों के पीछे है।

केस नंबर दो

जहां करते थे नौकरी उसे ही लगाया चूना

जिस कंपनी में टेक्निकल हेड बनकर कई वर्षो तक नौकरी की, नौकरी छोड़ने के बाद उसे ही लाखों का चूना लगा दिया। इंदिरानगर सेक्टर 14 के यतिन्द्र और गोसाईगंज के अंकित वर्मा पहले अमेजन कंपनी में जॉब करते थे। अंकित वर्मा ने बाराबंकी स्थित एक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की थी जबकि यतिन्द्र ऑनलाइन बिजनेस कर रहा था। अंकित और यतिन्द्र अमेजन कंपनी में शिपमेंट के पिकअप सेक्शन में जॉब करते थे। ऐसे में उन्हें इसकी जानकारी थी कि कस्टमर ऑनलाइन आर्डर अगर कैंसिल करता है तो कंपनी किस प्रोसेज के तहत सामान वापसी लेती है।

ऐसे करते थे धोखाधड़ी

वह अपने दोस्त के साथ मिलकर अमेजन कंपनी के कैंसिल आर्डर को कंपनी के एजेंट से पहले फर्जी तरीके से कस्टमर से रिसीव कर लेता था। इस तरह दोनों ने कंपनी को करीब पचास लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाया। इंजीनियर आर्डर कैंसिल की जानकारी हैदराबाद एक हेड की आईडी हैक कर पता कर लेता था। उसकी एक गलती ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। कंपनी के लीगल हेड ने मडि़यांव थाने में शातिर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था।

केस नंबर तीन-

ऑटो लिफ्टर बन उड़ाने लगा गाडि़यां

ठाकुरगंज में पकड़ा गया शोएब कुछ दिन पहले तक एक दुकान में काम करता था। लॉकडाउन में उसकी जॉब चली गई। कई दिनों तक बेरोजगार होने के बाद उसने अपराध का रास्ता चुन लिया। पहले वह बाइक चोरी करने लगा और फिर वह एक ऑटो लिफ्टर गैंग के साथ जुड़ गया। हालांकि चंद दिनों में ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। शोएब का कहना है कि वह नौकरी छूटने के बाद से बेरोजगार हो गया था और अपना खर्च चलाने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था।