- गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंसेज का किया शिलान्यास

LUCKNOW: अब सबूतों के अभाव में अपराध करके अपराधी बच न सकेगा। इसके लिए गृह मंत्री ने पिपरसंड में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 तक आधे राज्यों में फॉरेंसिक कॉलेजों का शुभारंभ होगा। इससे देश में दोषसिद्ध की दर बढ़ाई जा सकेगी। इजराइल में दोषसिद्ध 90 प्रतिशत है। फॉरेंसिक साइंस के बढ़ते दखल से सजा का डर बढ़ेगा और गुनाह की दर कम होगी। संस्थान के साथ डीएनए सेंटर आफ एक्सीलेंस भी बनेगा, जिसके लिए केंद्र सरकार 15 करोड़ रुपये देगी।

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को सराहा

यहां लोगों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में भाजपा ने वादा किया था कि बेहतर कानून-व्यवस्था और विकसित प्रदेश देंगे। आज 2021 में यहां खड़े होकर गर्व से कह सकता हूं कि योगी व उनकी टीम ने कानून-व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश को देश में सबसे आगे ले जाने का काम किया है। शाह ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया। कहा कि एक समय वह भी था, जब कानून-व्यवस्था के कारण अखिलेश यादव को निवेशकों का सम्मेलन दिल्ली में करना पड़ा था। कहा कि विपक्षी दल वोटबैंक की राजनीति से डरते थे, भाजपा नहीं डरती। जो काम विपक्ष पिछले 15 वर्षो में नहीं कर पाया, योगी सरकार ने उसे चार साल में कर दिखाया है। पहले उप्र में माफिया खुलेआम घूमते थे। आज कोई नहीं दिखाई देता।

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जिस भूमि पर माफिया का कब्जा, वहीं इंस्टीट्यूट : योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2019 में गृह मंत्री अमित शाह जब लखनऊ में पुलिस साइंस कांग्रेस में आए थे, तब उन्होंने ही प्रदेश में फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के गठन का सुझाव दिया था। जिस भूमि पर इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है, उस 142 एकड़ भूमि पर माफिया का कब्जा था। राज्य सरकार ने इसे कब्जा मुक्त कराया। योगी ने कहा कि प्रदेश में चार वर्ष के अंदर जो परिवर्तन हुआ है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री की प्रेरणा का परिणाम है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश दंगों का प्रदेश माना जाता था। माफिया का कब्जा था। प्रदेश सरकार ने माफिया की अब तक 1584 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर अपराधियों में कानून का भय व्याप्त किया है। कहा कि अपराधों को रोकने में यह संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संस्थान को तकनीकी सहयोग देने के लिए राष्ट्रीय फारेंसिक साइंस विश्वविद्यालय, गुजरात के कुलपति डा। जेएम व्यास व अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इसके लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा। दिनेश शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी का स्वागत किया।

फैक्ट फाइल

- करीब 50 एकड़ में बनने जा रहे विवि में कई तरह के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स होंगे

- उत्तर भारत में यह अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा

- विश्वविद्यालय का निर्माण 50 एकड़ की भूमि पर होगा

- फॉरेंसिक साइंस लैब तीन एकड़ में

- सेंटर आफ एक्सीलेंस पांच एकड़ में

- यूपी स्टेट इंस्टिट्यूट आफ फोरेंसिक साइंसेज 42 एकड़ में बनेगी