लखनऊ (ब्यूरो)। रक्षाबंधन पर सीएम की तरफ से मिले फ्री सफर के तोहफे के लिए बहनों को काफी इंतजार करना पड़ा। इस छूट को पाने के लिए लखनऊ के बस अड्डों पर जब महिलाओं की भीड़ उमड़ी तो बसें कम पड़ गईं। अवध बस स्टेशन पर तो पूर्वांचल की ओर जाने वाली बसों का आलम यह रहा कि बस आते ही महिलाएं सीटों पर कब्जा जमाने के लिए खिड़कियों के रास्ते से सामान और बच्चों को अंदर भेजती रहीं। वहीं, बस के इंतजार में काफी संख्या में महिलाएं बस अड्डे पर भटकती हुई भी नजर आईं। क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि पहले दिन लखनऊ परिक्षेत्र में आठ हजार के करीब महिलाओं ने सफर किया। दूसरे दिन का आंकड़ा 20 हजार के पार रहा। दो दिनों में महिलाओं के सफर करने की सटीक संख्या दिल्ली से बस लौटने के बार शनिवार को मिलेगी।

नगर बसों में 32 हजार बहनों ने किया सफर

निशुल्क बसों की सेवा में नगर बसों से सफर करने वाली महिलाओं की संख्या काफी रही। पहले दिन करीब 32 हजार बहनों ने सफर किया। वहीं दूसरे दिन इनकी संख्या कम रही। असल आंकड़ा शनिवार को सामने आएगा।

रोडवेज ने महिलाओं को यात्री माना ही नहीं

रक्षाबंधन पर रोडवेज बसों से निशुल्क सफर करने वाली महिलाओं को यात्री माना ही नहीं। यही वजह रही कि बस कंडक्टरों के यात्री लोड फैक्टर में महिलाओं को जोड़ा ही नहीं गया। इससे बस कंडक्टर प्रोत्साहन भत्ते से वंचित रह गए, जिसका खामियाजा महिला यात्रियों को भुगतना पड़ा। महिलाएं बस में सवार होने के लिए कैसरबाग, चारबाग, आलमबाग और अवध बस स्टेशन पर भटकती रहीं।