- पेंशनरों को भी नहीं मिलेगी बढ़ी दर से महंगाई राहत

- चालू वित्तीय वर्ष के लिए छह भत्ते भी स्थगित

रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना के खिलाफ जारी जंग के लिए वित्तीय संसाधन तलाशने में जुटी राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर पहली जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों का महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों की महंगाई राहत (डीआर) बढ़ाने पर रोक लगा दी है। वहीं उसने नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत छह प्रकार के भत्तों को पहली अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का निर्णय किया है। वित्त विभाग की ओर से इस बारे में शासनादेश जारी कर दिए गए हैं।

28 लाख होंगे प्रभावित

डीए और महंगाई राहत बढ़ाने पर रोक लगाने के फैसले से राज्य कर्मचारी, सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थानों, शहरी स्थानीय निकायों के सभी नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारी और कार्य प्रभारित कर्मचारी तथा पेंशनर प्रभावित होंगे, जिनकी संख्या लगभग 28 लाख है। राज्य सरकार हर छह महीने पर डीए और महंगाई राहत में बढ़ोतरी करती है। कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को दिए जाने वाले डीए और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया जाएगा। न ही उन्हें एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के किसी बकाये का भुगतान किया जाएगा। उन्हें पहली जुलाई 2019 से लागू दरों पर डीए और महंगाई राहत का भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार जैसे ही एक जुलाई 2021 से दिए जाने वाले डीए और महंगाई राहत की अगली किस्तों को जारी करने का निर्णय करेगी तो एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और पहली जनवरी 2021 से प्रभावी डीए और महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा और उन्हें पहली जुलाई 2021 से प्रभावी संचयी संशोधित दर में शामिल कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने बीती मार्च में पहली जनवरी 2020 से केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 17 से बढ़ाकर 21 फीसद करने का आदेश जारी किया था लेकिन, बाद में उसने एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक बढ़ी दर से डीए और महंगाई राहत के भुगतान पर रोक लगा दी।

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डीए, डीआर फ्रीज होने से यह होंगे प्रभावित

राज्य कर्मचारी-8,52,229

शिक्षक-5,50,000

शिक्षणेत्तर कर्मचारियों-1,00,000

स्थानीय निकायों के कर्मचारी-1,00,000

पेंशनर-11,80,000

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11,500 करोड़ की होगी बचत

डेढ़ साल तक राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों का डीए और पेंशनरों की महंगाई राहत फ्रीज करने से सरकार को लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। वहीं छह प्रकार के भत्तों को चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्थगित करने से तकरीबन 1500 करोड़ रुपये बचने का अनुमान है। इस तरह सरकार के इन दो फैसलों से 11,500 करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी।

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यह भत्ते स्थगित

- नगर प्रतिकर भत्ता

- सचिवालय भत्ता

- पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी), भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा और विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वीकृत विशेष वेतन

- अवर अभियंताओं को स्वीकृत विशेष भत्ता

- लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता

- सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाने वाला इन्वेस्टिगेशन एंड प्लानिंग भत्ता और अर्दली भत्ता