- किडनी इंफेक्शन के चलते हुई मौत

- 26 अप्रैल दी गई थी प्लाज्मा थेरेपी

LUCKNOW : राजधानी केजीएमयू में कोरोना संक्रमण का इलाज करवा रहे उरई निवासी 58 वर्षीय डॉक्टर की शनिवार को हो गई। वह प्रदेश के पहले पेशेंट भी थे जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी भी दी गई थी। हैरानी की बात यह है कि शनिवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी, लेकिन यूरिनरी इंफेक्शन हो जाने से हालत गंभीर हो गई। डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। इनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव थी, जिनकी दोनों जांच निगेटिव आने के बाद शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।

किडनी में इंफेक्शन से मौत

कोरोना पेशेंट का इलाज कर रहे डॉ। डी हिमांशु ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के बाद उनमें काफी सुधार देखने को मिला था। उनके फेफड़े भी साफ हो गये थे, लेकिन इसके साथ वो शुगर और हायपरटेंशन से भी पीडि़त थे। इलाज के दौरान उनकी वेंटीलेटर निर्भरता भी कम हो गई थी, लेकिन इसी दौरान उनको यूरेनरी ट्रैक में इंफेक्शन हो गया था। उनकी किडनी भी काफी हद तक प्रभावित हो चुकी थी। ऐसे में शनिवार सुबह ही उनकी डायलिसिस भी की गई थी, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद उनको बचाया नहीं जा सका।

दो बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव

डॉ। हिमांशु ने बताया कि उनकी कोरोना संक्रमण की दो रिपोर्ट निगेटिव भी आ चुकी है। वो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्त भी हो चुके हैं। केवल किडनी समस्या उनकी गंभीर होती जा रही थी। ऐसे में उनकी मौत कोविड-19 से नहीं हुई है। उनकी बॉडी सेंट्रल से जारी गाइडलाइन के हिसाब से ही हैंडओवर की जायेगी।

26 अप्रैल को दी गई थी थेरेपी

गौरतलब है कि उरई निवासी 58 वर्षीय डॉक्टर को कोरोना संक्रमित होने के बाद केजीएमयू के लिए 24 अप्रैल को रेफर कर दिया गया था। वहीं 26 अप्रैल को उनको प्लाज्मा थेरेपी की पहली डोज दी गई थी। जिसके लिए इमरजेंसी में कोरोना को मात दे चुकी कनाडा की महिला डॉक्टर को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए बुलाया गया था। इसके बाद 24 घंटे बाद दूसरी डोज दी गई थी। जिससे उनकी हालत स्टेबल भी हो गई थी।

कोट

प्लाज्मा थेरेपी प्राप्त उरई निवासी डॉक्टर की मौत हो गई है। उनकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी थी, लेकिन यूरिनरी इंफेक्शन होने से डायलिसिस भी की गई, लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका।

- प्रो। सुधीर सिंह, प्रवक्ता केजीएमयू