लखनऊ (ब्यूरो)। सीतापुर के अटरिया निवासी चुन्नी लाल मौर्या मन्नत पूरी होने पर कोंध भरने के लिए सुबह घर से उनई देवी मंदिर जाने के लिए निकले थे। पूरा परिवार हंसते खेलते देवी गीत गाते इटौंजा जाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली से निकला था। इटौंजा के असनहा ग्राम सभा के गद्दीपुरवा गांव में देव स्थल से पांच किमी पहले ही ट्रक की टक्कर से पूरी ट्रैक्टर ट्राली 10 फीट गहरे पानी से भरे गड्ढ़े में समा गई। हादसे में 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जिसमें चुन्नी लाल मौर्या के परिवार के चार सदस्यों की भी मौत हो गई, जिसमें उसकी पत्नी कोमल (38) बेटी बिट्टो (13) और उसके भाई रामरतन मौर्या की पत्नी सुषमा (58) और बेटी रुचि (19) शामिल हैं। हादसे के बाद रोड किनारे कौंध (मन्नत पूरी होने पर चढ़ावे का सामान) बंधा पड़ा था। जिसे देखने वाला तक कोई नहीं था।

मेरे बच्चों को बचाने वाले तो भगवान हैं

सीएचसी के एक बेड पर अपने पांच बच्चों को कलेजे से लगाए बुढ़ी दादी विमला (75) मदद करने वाले लोगों के सामने हाथ जोड़ कर कह रही थी कि मेरे बच्चों को बचाने वाले मेरे लिए भगवान हैं। विमला के परिवार के आठ सदस्य ट्राली में सवार थे। समय रहते सबको बचा लिया गया। उसके परिवार के आंचल (10), अश्विन (11), अनन्या (8), शिवांश (5), अंशिका (3), किरन (32), सुमन (34) और खुद विमला मौजूद थीं।

असली हीरो तो वे चार युवक थे

हादसे के बाद जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ की टीम भले ही मौके पर पहुंच कर मददगार साबित हुई लेकिन हादसे के तुरंत बाद हिम्मत चार युवकों गद्दीपुरवा गांव के जहउद्दीन, महोना के ललित, ताज और मुस्ताक ने दिखाई। ट्राली के गड्ढ़े में गिरते ही बिना समय गंवाए चारों युवक गहरे गड्ढ़े में कूद गए और अपनी हिम्मत से 37 लोगों की जान बचाकर उन्हें बाहर सुरक्षित निकाल लाए।

ट्राली के नीचे दबने से हुईं ज्यादा मौतें

ट्रक की टक्कर से ट्रैक्टर ट्राली गड्ढ़े की तरफ झाडिय़ों में फंस गई थी लेकिन ट्रैक्टर का ड्राइवर उसे निकलाने का प्रयास कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्राली नीचे जाने लगी तो उसमें सवार कुछ लोगों ने बाहर की तरफ (पानी में) छलांग लगा दी। जिससे पूरी ट्राली पानी में पलट गई और उसके नीचे दबकर कई लोग गहरे पानी में समा गए। ट्राली के नीचे दबने से ज्यादातर लोगों की मौत हुई।