लखनऊ (ब्यूरो)। सितंबर के 25 दिन की बात करें तो एक भी दिन एक्यूआई लेवल 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के आसपास भी नहीं पहुंचा है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां फिलहाल हवा सेहतमंद है।
पिछले साल 183 तक पहुंचा था एक्यूआई
2020 सितंबर माह की बात करें तो उस दौरान सर्वाधिक एक्यूआई लेवल 183 रहा था। जबकि पूरे महीने कई दिन एक्यूआई लेवल 100 के पार दर्ज हुआ था। उस दौरान भी एयर पॉल्यूशन की कंडीशन कंट्रोल में थी लेकिन इस साल सितंबर माह में कंडीशन और भी ज्यादा बेहतर देखने को मिल रही है।


इस तरह समझें
सितंबर माह वर्ष 2020
तारीख एक्यूआई 2020 एक्यूआई 2021
1 72 63
2 87 68
3 92 75
4 111 55
5 117 60
6 93 78
7 84 71
8 119 55
9 113 47
10 116 57
11 182 62
12 111 59
13 120 64
14 120 65
15 149 54
16 145 53
17 148 66
18 183 55
19 154 68
20 102 68
21 98 61
22 83 58
23 68 61
24 63 62
25 66 60
26 101 60

9 सितंबर को सबसे कम एक्यूआई
इस साल सितंबर माह में 9 तारीख को सबसे कम एक्यूआई दर्ज किया गया। जबकि पिछले साल 9 सितंबर को 113 एक्यूआई दर्ज किया गया था। जिससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों दिनों में एक्यूआई लेवल में खासा अंतर है।

बारिश का भी मिला फायदा
सितंबर माह में बारिश भी अच्छी खासी हुई। 16 सितंबर को तो झमाझम अनवरत बारिश हुई। जिसकी वजह से भी एक्यूआई लेवल पर खासा असर देखने को मिला।

हरियाली का भी ग्राफ बढ़ा
इस समय राजधानी में हरियाली का ग्राफ भी खासा बढ़ा हुआ है। प्रमुख मार्गों शहीद पथ, लोहिया पथ के किनारे हरियाली में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। हरियाली का ग्राफ बढऩे से इसका सीधा असर एक्यूआई में देखने को मिल रहा है।

अब यही स्थिति बनी रहे
कोविड की दूसरी वेव के बाद अब पूरी तरह से लॉकडाउन समाप्त हो चुका है। इसकी वजह से रोड्स पर व्हीकल की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में संभावना है कि एक दो माह बाद एक्यूआई में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकती है। अगर पब्लिक जरा सी जागरुकता दिखाए तो इस स्थिति को बरकरार रखा जा सकता है।


इस तरह स्थिति रहेगी बेहतर
1-कूड़ा जलाने वालों पर नजर
एक्यूआई बेहतर रहे, इसके लिए जरूरी है कि खुले में कूड़ा जलाने वालों पर एक्शन लिया जाए। मौके पर जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें दोबारा ऐसा करने से रोका जाए। खुले में कूड़ा जलाए जाने से इसका सीधा विपरीत असर पर्यावरण पर पड़ता है।
2-कंस्ट्रक्शन साइट्स कवर रहें-जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैैं, ऐसी कंस्ट्रक्शन साइट्स में निर्माण सामग्री को कवर करके रखा जाए। इस मामले में एनजीटी की गाइडलाइंस का अक्षरश: पालन कराया जाए। इसकी जिम्मेदारी एलडीए, नगर निगम, आवास विकास और जिला प्रशासन की संयुक्त रूप से है।
3-व्हीकल शेयरिंग-रोड्स पर व्हीकल की संख्या कम रहेगी तो साफ है कि एक्यूआई लेवल भी कम रहेगा। ऐसे में हम सभी लोगों को व्हीकल शेयरिंग की दिशा में कवायद करनी होगी।


राजधानी के इलाकों का हाल
इलाका एक्यूआई
गोमतीनगर 73
लालबाग 69
तालकटोरा 97
अलीगंज 79
कुकरैल पिकनिक स्पॉट 26


सभी इलाकों में स्थिति बेहतर
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी रविवार के आंकड़ों से साफ है कि गोमतीनगर, लालबाग, तालकटोरा, अलीगंज व पिकनिक स्पॉट में एक्यूआई लेवल खासा बेहतर रहा है। सबसे कम एक्यूआई कुकरैल पिकनिक स्पॉट का रहा है। जबकि पॉल्यूशन के मामले में हमेशा आगे रहने वाले लालबाग और तालकटोरा में भी हवा की गुणवत्ता खासी बेहतर रही है। दोनों ही इलाकों में एक्यूआई लेवल 100 से कम रहा है।