- मीटर्स में डिफेक्टिव फॉल्ट की समस्या आई सामने

- मध्यांचल प्रशासन ने हर मीटर को बदलने की प्रक्रिया शुरू की

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्खमध्यांचल डिस्कॉम में आने वाले जिलों में रहने वाले करीब डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के घरों में लगे बिजली मीटर खराब हैं। उपभोक्ताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मध्यांचल प्रशासन की ओर से हर मीटर को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

ये समस्या आ रही सामने

मीटर खराब होने के कारण उपभोक्ताओं को एक तो अपनी रीडिंग नहीं पता चल पा रही है और उन्हें औसत रीडिंग का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उपभोक्ताओं को अपना बिल पता करने के लिए भी उपकेंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

आईडीएफ की समस्या

मीटर खराब होने की समस्या आईडीएफ कहलाती है। इसका मतलब यह है कि उपभोक्ता के यहां लगा मीटर खराब है। जिसकी वजह से मीटर पूरी तरह से ब्लाउंड हो जाता है और रीडिंग शो नहीं होती है। जिससे उपभोक्ता यह जान नहीं पाता है कि हर दिन उसके घर में बिजली खपत कितनी हो रही है। मीटर खराब होने से उपभोक्ता के पास औसत रीडिंग के हिसाब से बिल भेजा जाता है। जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

डेढ़ लाख उपभोक्ता आए सामने

पूरे मध्यांचल डिस्कॉम में करीब डेढ़ लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके यहां लगा मीटर खराब है। खास बात यह है कि मीटर्स रिप्लेस करने के साथ ही उपभोक्ताओं का फीडबैक भी लिया जा रहा है। जिससे मीटर रिप्लेस होने के बाद भी अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसके मीटर में समस्या है, तो तत्काल उस समस्या को दूर किया जा सके।

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हर माह दूर हो रही समस्या

मध्यांचल प्रशासन की ओर से पूरे डिस्कॉम में ऐसे उपभोक्ताओं पर भी फोकस किया जा रहा है, जिनके यहां लगे मीटर तो ठीक हैं लेकिन औसत रीडिंग के बिल भेजे जा रहे हैं। इसके लिए मध्यांचल प्रशासन की ओर से हर एक डिवीजन में सर्वे शुरू करा दिया गया है और जो भी ऐसे केस सामने आ रहे हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं के पास एक्चुअल रीडिंग संबंधी बिल पहुंच सकें।

कोट

पूरे डिस्कॉम में खराब मीटरों को रिप्लेस कराने का काम शुरू हो गया है। प्रयास है कि दो सप्ताह में सभी खराब मीटर चेंज किए जाएं। औसत रीडिंग की समस्या का भी तत्काल निस्तारण कराया जा रहा है।

सूर्यपाल गंगवार, एमडी, मध्यांचल डिस्कॉम